टिहरी जिले के रामोल सारी गांव के युवक की नाइजीरिया में मौत,सीएम धामी ने युवक के पार्थिव शरीर को भारत लाने के लिए विदेश मंत्रायल को लिखा पत्र

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टिहरी जिले के धनोल्टी विधानसभा के अंतर्गत कंडिसोड तहसील के रामोलसारी गांव के रहने वाले जबर सिंह राणा की अफ्रीकी देश नाइजीरिया में 24 अगस्त को  मौत होने से गांव में मातम छाया है। बताया जा रहा हैं कि जबर सिंह राणा की मौत अचनाक तबीयत बिगड़ने के हुई है। जिसके बाद उनके परिजनों ने जबर सिंह के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार से मांग की है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी विकासखंड थौलधार की ग्राम पंचायत रमोल सारी के निवासी जबर सिंह राणा के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए विदेश मंत्री डाo एस जय शंकर को पत्र लिखा है। साथ ही जबर सिंह के परिजनों को सांत्वना देते हुए। उन्हें भरोसा दिलाया हैं कि वह उनके बेटे के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए प्रायसरत है। इसके लिए उनकी लगातार विदेश मंत्रालय से बात चल रही है। साथ ही नाइजीरिया सरकरा के अधिकारियों से भी सरकार संपर्क करने की कोशिश कर रही है।

आपको बता दें कि टिहरी विकासखंड थौलधार की ग्राम पंचायत रमोल सारी के निवासी जबर सिंह राणा पुत्र भाग सिह अफ्रीकी देश नाइजीरिया में ताज रेस्टोरेंट में कुक का काम करते थे। बताया जा रहा हैं कि बिते 24 अगस्त को उनकी अचानक तबियत बिगड़ी और उनका निधन हो गया। इस की जानकारी जबर सिंह के साथ नाइजीरिया में उसने साथ काम करने वाले उन्हीं के गांव के एक अन्य युवक और होटल के मालिक ने फोन के माध्यम से दी तो अपने बेटे की अचनाक हुई मौत की खबर सुनकर परिजनों के होश उड़ गए।

जबर सिंह की मौत की खबर आने से रमोल सारी गांव में मातम छाया हुआ है। इसके बाद से ग्रामीण लगातार होटल के मालिक और नाइजीरिया में काम करने वाले दूसरे युवक से फोन पर बातचीत कर रहे है। होटल मालिक ने जबर सिंह के पार्थिव शव घर पहुंचाने का आश्वासन दिया है। इसी के साथ राज्य सरकार भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क में कर रही है।

आपको बता दें की जबर सिंह के पिता भाग सिंह राणा दिव्यांग है। उनका बड़ा बेटा भाव सिंह राणा भी नाइजीरिया एक होटल में नौकरी करता था। जिसका 2018 में निधन हो चुका है,और अब उनके दूसरे बेटे का निधन हो गया है। जिसके बाद उनका रो-रोकर बुरा हाल है। दो बेटों की मौत के बाद बुजुर्ग  भाग सिंह के कंधों पर दो-दो विधवा बहुओं और दो मासूम पोतों की जिम्मेदारी आ गई है।