Book Releases:-लेखक धर्मानंद लखेड़ा की पुस्तक ‘निकले जो सफर पर’ का विमोचन

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साहित्य की रोचक विधा है यात्रा वृतांत जो स्थान विशेष के संपूर्ण वैभव के साथ लिखे जाते हैं,इनमें कल्पनाशीलता व आत्मीयता का पुट होता है। निकले जो सफर पर लेखक ने देश-विदेश की ऐसी ही की गई यात्राओं को अपने निजी अनुभवों के साथ संकलित किया है। उक्त विचार लक्ष्मी होमस्टे में आयोजित पुस्तक विमोचन के अवसर पर मुख्य अतिथि आर.एस भंडारी ने व्यक्त किए।

यात्राएँ स्थान विशेष की जीवन-शैली का दृष्टिकोण होती हैं-भंडारी

आपको बता दें कि बताते चलें कि निकले जो सफर पर धर्मानंद लखेड़ा द्वारा लिखित यात्रा वृतांत है,जिसमें सहस्त्रताल,टौंस घाटी से यमुना घाटी,मध्यमहेश्वर, रूपकुंड आगाज़-ए-दोस्ती (हुसैनीवाल),करतारपुर साहिब व वियतनाम सहित आठ रोचक यात्राएँ हैं,जिसका विमोचन शीशम झाड़ी स्थित लक्ष्मी होमस्टे में किया गया।

इस अवसर पर वक्ताओं में वीरेंद्र शर्मा छोटू भाई ने कहा कि साथी धर्मानंद लखेड़ा के ये यात्रा वृतांत बेहद रोचक बन पड़े हैं जो पढ़ते हुए देश- दुनिया की सैर करने के लिए आपको भी अपने साथ ले चलेंगे। जयेंद्र रमोला ने कहा कि यात्राएँ हमारे जीवन को एक नई दृष्टि देती हैं,नहीं तो जीवन ठहर जाता है। अधिवक्ता शीशराम कंसवाल ने कहा कि उन्होंने जीवन में अपनी पहली यात्रा 13 साल की उम्र में की थी,जिसकी यादें अभी भी उनके स्मृति पटल में हैं।

पुस्तक के लेखक धर्मानंद लखेड़ा ने कहा कि उनका लेखन के साथ यह पहला प्रयास है,यात्राओं से गुजरते हुए उन्हें जो भी अनुभूति हुई उसे यहाँ इस किताब में जस का तस रख दिया गया है,पाठक भी उसी मन से इस किताब को पढ़ सकते हैं।

विमोचन के अवसर पर रंगकर्मी सतीश धौलाखंडी व बीड़ी पांडे ने जनगीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में विनोद रतूड़ी,जगदीश कुलियाल,गयाप्रसाद द्विवेदी, हरिओम पाली,अशोक थापा,यज्ञव्रत शर्मा,असद,वीके डोभाल व सरदार दर्शन सिंह आदि ने भी अपने विचार साझा किए। अशोक क्रेजी,धनेश कोठारी,रामकृष्ण पोखरियाल,सत्येंद्र चौहान,हरिनारायण राजभर व संजय निरंकारी ने मंचासीन उपस्थिति को स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया।

ग्राम प्रधान खैरीखुर्द,उप प्रधान रोहित नेगी व वार्ड सदस्य रीना चौहान ने लेखक धर्मानंद लखेड़ा को गुलदस्ते भेंटकर उनका अभिनंदन किया। समापन अवसर पर काव्यांश प्रकाशन के प्रबोध उनियाल द्वारा सभी आगंतुक अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुनील थपलियाल ने किया।