रूठने-मनाने के साथ बड़ा दांव खेल गए हरक सिंह रावत!

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उत्तराखंड में हरक सिंह रावत को लेकर हुए हाई वोल्टेज सियासी ड्रामे पर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भले ही अभी विराम लगा दिया हो। लेकिन हरक  सिंह रावत ने रूठने-मनाने की राजनीति में खुद के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत का मैदान जरूर तैयार कर लिया है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और हरक सिंह के रावत की देर रात हुई टेलिफोनिक बातचीत के बाद यह कहा जा रहा हैं कि हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा मान गए है।

दरअसल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हरक सिंह रावत ने शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस्तीफे की धमकी देकर एक तीर कई निशाने साधे हैं। हरक सिंह रावत ने पिछली बार हुए विधान सभा चुनाव में कोटद्वार के लोगों से वायदा किया था कि वह कोटद्वार को एक मेडिकल कालेज की सौगात देंगे। लेकिन उनकी घोषणा अभी तक भी पूरी नहीं हो पाई है। हाल के दिनों में उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से भी इस संबंध में अनुरोध किया था। इस पर उन्हें आश्वासन भी मिले, लेकिन एक ही जिले में दो मेडिकल कालेज का मानक भी आड़े आ रहा है।

इन सब अड़चनों के बीच हरक सिंह रावत ने शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बीच में कोटद्वार मेडिकल कालेज के बहाने इस्तीफे की धमकी दे दी। जिसके बाद कोटद्वारा में मेडिकल कॉलेज को बनाने पर सहमति बनी और कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए ₹5 करोड़ अवमुक्त किये गए है। जिसके बाद बीजेपी के तमाम नेताओं को बयान सामने आए।

बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा ने हरक सिंह रावत को मुख्यमंत्री की ओर से मनाए जाने की बात कही। इसी के साथ कहा कि मेडिकल कॉलेज को लेकर सोमवार को जियो जारी हो जाएगा। जिसके बाद हरक सिंह की कोई नाराजगी अब सरकार से नहीं है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी को दूर कर दिया गया है। कोटद्वारा में मेडिकल कॉलेज को बनाने सहमति बन गई है। बजट को लेकर मुख्यमंत्री गंभीरता से विचार कर रहे है और  जल्द ही मंत्रिमंडल और अधिकारियों से बातचीत कर इस पर फैसला ले लिया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए है। जिसमें  कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए ₹5 करोड़ अवमुक्त किए गए है। साथ ही अधिकारियों को डीपीआर बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। कॉलेज को लेकर सरकार जल्द महतवपूर्ण निर्णय लेगी।

जिसके बाद माना जा रहा हैं कि अब कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत मान गए है। हरक सिंह रावत के इस रूठने-मानने के खेल के बारे में राजनैतिक जानकरों का कहना हैं कि हरक सिंह रावत ने कोटद्वार मेडिकल कालेज के बहाने एक तीर से कई निशाने लगाए है। एक तो यदि ऐसे मौके पर उनका इस्तीफा स्वीकृत होता तो वह अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में बलिदानी कहलाते और यदि  इस्तीफा स्वीकृत नहीं होता तो वह अपने विधानसभा क्षेत्र में यह संदेश देने का प्रयास करते कि वह इस्तीफा देने से ज्यादा क्या कर सकते थे। दूसरी तरफ हरक सिंह रावत के जल्द ही कांग्रेस में वापसी को लेकर चर्चाएं भी तेजी है।