
हिमाचल प्रदेश के पहले कैंसर सुपर स्पेशलिस्ट डॉ पुनीत गुप्ता ने अपनी लिखित पुस्तक “व्यावहारिक अध्यात्मिक जीव विज्ञान” की प्रति नई दिल्ली में आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत को भेंट की।

आपको बता दें कि डॉ पुनीत गुप्ता मंडी शहर के बोरा गली के निवासी हैं। तथा इस समय राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित मेट्रो अस्पताल के कैंसर विभाग के निदेशक हैं। डॉ पुनीत गुप्ता ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला से एमबीबीएस की परीक्षा पास करने के बाद एमडी,डीएनबी,डीएम,एमबीए की शिक्षा ग्रहण की है। इसी के साथ भारत,अमेरिका एवं इंग्लैंड सहित दुनिया के चोटी के कैंसर संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने के बाद अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा कैंसर पर आयोजित सेमिनार में व्याख्यान के लिए आमंत्रित किये जाते हैं।
डॉक्टर पुनीत गुप्ता द्वारा लिखित पुस्तक ‘व्यावहारिक अध्यात्मिक जीव विज्ञान’ में भ्रूण के अंदर कैसे विभिन्न आध्यात्मिक अंग पैदा होते हैं तथा यह अंग आपसी तालमेल कैसे बनाते हैं को दर्शाया गया है। इसी के साथ यह भ्रूण आपस में एक “चरण व चरण” क्रिया द्वारा ब्रह्म नाद ब्रह्म प्रकाश धारण करने के बाद एकजुट हो जाते हैं तथा ब्रह्म स्वरूप को प्राप्त कर लेते हैं।
‘व्यावहारिक अध्यात्मिक जीव विज्ञान’ पहली ऐसे पुस्त हैं,जिसमें मनुष्य के शरीर की रचना को अध्यात्म की खोज का एक उत्तम नमूना दर्शाया गया है। इसमें कर्म इंद्रियों व ज्ञान इंद्रियों को चार विभिन्न अंगों में विभाजित किया गया है। इन चार इंद्रियों के अंश मिलकर मन की रचना करते हैं,और अंतःकरण चतुर्थ का एक हिस्सा बनते हैं। अंतःकरण चतुर्थ के 4 हिस्से (मन अहंकार, बुद्धि, चित्) सभी ब्रह्म नाद व ब्रह्म प्रकाश धारण करने के बाद हृदय में सुषुप्ति, समाधि को प्राप्त करते हैं। निष्काम कर्म करने की शक्ति ब्रह्म स्वरूप से आती है।
इस पुस्तक में इस अध्यात्मिक क्रिया का विज्ञान बायोलॉजी डॉ गुप्ता ने बखूबी बहुत बारीकी से पहली बार दुनिया के सामने रखा है। डॉक्टर पुनीत गुप्ता ने गीता ज्ञान को आज के जीव विज्ञान के साथ बखूबी जोड़ा है। इसमें पहली बार दुनिया में मेडिटेशन ध्यान प्रक्रिया तथा स्टेम सेल बायोलॉजी का तालमेल दर्शाया गया है। यह किताब आध्यात्मिक जगत की एक विशेष उपलब्धि है जो आने वाले समय में मेडिकल रिसर्च से नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।