पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को केंद्रीय नेतृत्व दे सकता है बड़ी जिम्मेदारी,दिल्ली से लौटे सीएम पुष्कर धामी ने की त्रिवेंद्र रावत से भेंट!

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उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद से सियासी गलियारों में लगातार हलचल तेज है। कभी कांग्रेस अपनी सरकार बनने का दावा कर रही हैं,तो बीजेपी ‘अबकी बार 60 के पार’ के नारे के साथ अपनी सरकार बनने का दावा कर रही है। राज्य में 10 मार्च को नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। इस पर भी बीजेपी और कांग्रेस में कई समीकरण सामने आ रहे है।

इन सब चर्चाओं के बीच सबसे बड़ी चर्चा यह हैं कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म होने के बाद बीजेपी को त्रिवेंद्र सिंह रावत की याद आई है। यही वजह हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली से लौटने के बाद सीधे त्रिवेंद्र सिंह रावत के घर पहुंचे। जहां उन्होंने त्रिवेंद्र रावत और उनकी पत्नी का पुष्प गुछ देकर स्वागत किया और त्रिवेंद्र रावत को शॉल औढ़ाकर सम्मानित किया। जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच लगभग एक घंटे तक विभिन्न राजनीतिक मसलों पर चर्चा हुई।

त्रिवेंद्र सिंह रावत और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच हुई इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे है। राजनीतिक जानकारों की माने तो उनका मानना हैं कि त्रिवेंद्र रावत बीजेपी के पहली पंक्ति के नेता हैं,उनके अनुभव और राजनीतिक समझ को देखते हुए पार्टी उन्हें उत्तराखंड में एक बार फिर से बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। यह इस लिए भी कहा जा रहा हैं कि चुनाव के बाद से  भाजपा की टिकट से विधानसभा चुनाव लड़े प्रत्याशियों के भितरघाट के आरोपों ने पार्टी हाईकमान को असहज कर दिया है। जिसके बाद हाईकमान खासा सतर्क हो गया है। दरअसल, भाजपा में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी विधायक ने प्रदेश अध्यक्ष पर सीधे इस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं।

इन आरोपों के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पिछले चार दिनों से दिल्ली में थे। जहां उन्होंने बीजेपी के कई वरिष्ठों से मुलाकात की और रविवार शाम को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने के बाद वे सड़क मार्ग से सीधे पहले डिफेंस कालोनी स्थित पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के आवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने त्रिवेंद्र रावत से वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा की।

इस मुलाकात के बाद उत्तराखंड में अब चर्चा गर्म हैं कि क्या केंद्रीय नेतृत्व त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक बार फिर से राज्य की बागडोर सौंप सकता हैं? क्योंकि 10 मार्च को जब चुनाव परिणाम घोषित होंगे। ऐसे में नतीजों के बाद यदि बीजेपी के जीत के आंकड़े में कुछ संख्या कम रह जारी है तो,इस स्थिति में त्रिवेंद्र सिंह रावत बड़ी भूमिका निभा सकते है। यह इस लिए भी कहा जा रहा है कि राज्य में त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ कई निर्दलीय विधायक शामिल हो सकते है। जो बीजेपी को एक बार फिर से सत्ता में वापसी कराने के लिए बहुत जरूरी होगा।