मॉं गंगोत्री धाम के कपाट शुक्रवार को शुभमुहूर्त प्रातः11:45 पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। माँ गंगा की डोली मुखवा गांव के लिए प्रस्थान कर चुकी है। ढोल-नगाड़े,आर्मी बैंड की धुन और माँ के जयकारों के साथ पैदल यात्रा आगे बढ़ रही है। माँ गंगा की डोली शुक्रवार यानि आज रात्रि विश्राम माँ चण्डी देवी (ड़याँ) के मंदिर में होगा। जिसके बाद शनिवार प्रातःवहां से डोली यात्रा पुनःमुखवा गांव के लिए प्रस्थान करेगी। तत्पश्चात माँ गंगा की भोग मूर्ति के दर्शन 6 माह शीतकाल के लिए मुखवा गांव में ही होंगे।
मॉं गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के मौके पर सैकड़ो श्रद्धालु माँ गंगा के कपाट बंद के समय अंतिम दर्शन के साक्षी बने। अन्नकूट के पावन पर्व पर आज 11 बजकर 45 मिनट पर विधि विधान के साथ गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। गंगोत्री से गंगा जी की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखवा रवाना किया गया। शनिवार को गंगा जी की मूर्ति मुखवा स्थित मंदिर में स्थापित की जाएगी।
मन्दिर समिति अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को प्रातः से ही गंगोत्री धाम में गंगा की विदाई की तैयारियां शुरू हो गई थी। इस दौरान गंगा का अभिषेक करने के साथ ही गंगा लहरी,गंगा सहस्त्रनाम पाठ किया गया। गंगोत्री मंदिर में श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किए। तय मुहूर्त पर 11बजकर 45 मिनट पर गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। इसके बाद गंगा जी की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ मुखवा के लिए रवाना किया गया। आर्मी के पाइप बैंड तथा स्थानीय ढोल-दमाऊं की अगुआई में डोली यात्रा भैरोंघाटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए देवी मंदिर पहुंची। इसके बाद कल यानी शनिवार को माँ गंगा की मूर्ति को मुखवा स्तिथ मंदिर में अगले 6 माह शीतकाल के लिए मुखवा गांव में अखण्ड दीप ज्योति के साथ मंदिर में स्थापित किया जाएगा।