उत्तराखंड के उच्च हिमालय में स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्वप्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर विधि-विधान से दर्शनार्थ खोल दिए गए। रावल भीमाशंकर लिंग तथा पुजारी शिवलिंग एवं धर्माचार्यों द्वारा पूजा अर्चना संपन्न होते ही। बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के लिए उमड़े श्रद्धालुओं की भीड़ ने अपने भगवान के दर्शन किए।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) द्वारा इससे पहले कपाट खोलने की सभी तैयारियों पूर कर ली गई थी। मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली रविवार को धाम में पहुंच गई थी। इसी के साथ मंगलवार सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए भगवान केदारनाथ जी के कपाट दिए गए। इस शुभअवर पर श्रृद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। इसी के साथ पूरा केदारनाथ धाम हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा। जिसके बाद मुख्य पुजारी शिवलिंग ने गर्भ गृह में भगवान केदारनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की और इसी के साथ ग्रीष्मकाल के लिए केदारनाथ के दर्शन शुरू हो गए।
कपाट खुलने के बाद धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई। रावल भीमाशंकर लिंग,पुजारी शिवलिंग एवं धर्माचार्यों द्वारा पूजा-अर्चना की गई। इस शुभअवसर पर विशेष तौर पर भगवान केदारनाथ धाम पहुंचे गायक रूप कुमार राठौर और सुनाली राठौर ने भजनों शानदार प्रस्तुति दी।
आपको बता दें कि विगत कुछ दिनों से केदारनाथ धाम में रुक-रुक कर बर्फबारी व बारिश को देखते हुए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा शुरू करने से पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। मौसम की प्रतिकूलता को देखते हुए केदारनाथ धाम में आवास की व्यवस्था पहले सुनिश्चित कर लें। खास कर बच्चों व बुजर्गो के साथ यात्रा करने वालों को विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है। किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे श्रद्धालुओं को आवश्यक रूप से डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।