
महाशिवरात्रि के पावन पर्व में अब कुछ दिन ही बचे है। ऐसे में पौरणिक महत्व के मंदिर नीलकंठ महादेव में श्रद्धालुओं का आना-जाने में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालु नीलकंठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक को पँहुच रहे है।

इस के चलते राजाजी टाइगर रिजर्व से होकर नीलकंठ महादेव को जा रहा पैदल मार्ग श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से चुनौती बना हुआ है। गुरूवार और शुक्रवार देर शाम एक बार फिर जंगली गजराजों का झुंड इस मार्ग पर धमक पड़ा। यह झुंड घण्टों तक इस मार्ग पर डटा रहा। वनकर्मियों व पुलिस प्रसाशन की टीम ने कड़ी मसशक्त के बाद इस झुंड को वापस जंगल में खदेड़ा। मगर शुक्रवार तड़के फिर इनके वापस आ जाने से एक बार फिर, इस क्षेत्र में मानव वन्यजीव संघर्ष का संकट बन गया।
आपको बात दें कि नीलकंठ महादेव की ओर जाने वाला यह पैदल मार्ग राजाजी टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में आता है। वहीं कांवड़ के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह फेके गए खाने की चाह में कई गजराजों के झुंड यहां दस्तक देते रहते है। ऐसे में मानव वन्यजीव संघर्ष की संभावना इस क्षेत्र में बढ़ जाती है। गुरूवार देर शाम की घटना के बाद पार्क महकमे ने नियमित दलों के साथ ही आज से अतिरिक्त गस्ती दल गठित कर दिए है।
पुलिस व वन महकमे की कई टीमें रख रही है चप्पे-चप्पे पर नजर

वन क्षेत्राधिकारी,गोहरी रेंज अनिल पैन्यूली ने बताया कि शिवरात्रि के पर्व तक लाखो की संख्या में श्रद्धालुओं का यंहा जमावड़ा होगा। लक्ष्मणझूला थाने द्वारा बाघखाला,मौनी बाबा,गरुड़चट्टी सहित संपूर्ण मेला मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया है। स्थानीय पुलिस बल के कई कर्मी लगातार वन महकमे के साथ मिल मोनीटरनिंग कर रहे है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी तात्कालिक व्यवस्थाओं को पुख्ता कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि देर शाम गजराजों के झुंड को काबू करने के लिए कड़ी मशकत करनी पड़ी। वहीं आईडीपील बैराज से मोहनचट्टी तक अतिरिक्त गस्ती दल तैनात कर दिए गए है। किसी भी मानव वन्यजीव जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए हमारी टीम पूरी तरह मुस्तैद है।
इस बारे में लक्ष्मणझूला के थानाध्यक्ष,वीरेंद्र रमोला का कहना हैं कि भीड़ का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। वन क्षेत्रो में हमारी कई टीमें वन महकमे के साथ मिल कर पेट्रोलिंग व सुरक्षा व्यवस्था में लगाई गई है। मेले को कुशलता से पूर्ण करने के लिए हम पूरी तरह से मुस्तैद है। हम श्रद्धालुओं से अपील करना चाहेंगे की वह इस मार्ग पर किसी भी तरह से खाने की चीजें न फेंके और सुरक्षित दर्शन के लिए आए।