उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी के गुनहगारों को फांसी देने की मांग को लेकर एक जुट एक मुट हुए उत्तराखंड समाज के लोग,दिल्ली के जंतर-मंतर पर निकाला कैंडल मार्च

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उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी के गुनहगारों को फांसी के सजा दिलाने के लिए शुक्रवार को दिल्ली में उत्तराखंड समाज के लोगों ने एक जुट एक मुट होकर जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च निकालकर माननीय सुप्रीम कोर्ट से नजफ़गढ़ की निर्भया (दामिनी) के गुनहगारों को फांसी देने की मांग करते हुए शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की। इस मौके पर उत्तराखंड समाज के सैकड़ों लोगों के साथ किरन नेगी के माता-पिता भी इस मार्च में शामिल हुए।

दिल्ली के जंतर-मंतर पर नजफगढ़ की ‘दामिनी न्याय संघर्ष समिति’, ‘उत्तराखण्ड एकता मंच’,‘उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच’ सहित दिल्ली एनसीआर की कई संस्थाओं ने उत्तराखंड समाज के सैकड़ों लोगों के साथ मिलकर कैंडिल मार्च निकालकर एक मत में मांग की कि पहाड़ की बेटी और नजफ़गढ़ की निर्भया (दामिनी) के गुनहगारों को जल्द से जल्द फांसी देने की सजा दी जाए। शुक्रवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर किरन नेगी के गुनाहगारों को फांसी देने की मांग करते हुए उत्तराखंड के तमाम संस्थाओं से जुड़े लोगों ने मोमबतियां जलाई।

कैंडल मार्च में पहुंचे किरने नेगी के माता-पिता ने इस मौके पर भावुक होते हुए कहा कि हमें माननीय सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा हैं कि जिन दरिंदों ने हमारी बेटी के सपनों को कुचला। माननीय सुप्रीम कोर्ट उन दरिंदों को जल्द से जल्द फांसी की सजा देकर हमारी बेटी को न्याय देगा। उहोंने कहा कि हम और हमारे साथ खड़ा उत्तराखंड समाज पीछे 10 साल से अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे है। हमारे साथ उत्तराखंड के लोग खड़े है। इसी उम्मीद में हम आज उत्तराखंड के इन हजारों लोगों और सामाजिक संगठनों के साथ इन मोमबत्तियों की रोशनी में इस लिए चल रहे है कि हमारी बेटी किरन को न्याय मिले,उसकी आत्मा अपने गुनाहगारों को सज़ा मिलते हुए देख प्रकाशित हो।

उन्होंने कहा कि हमारी बेटी किरन की खुशियों की रोशनी से हमारा घर जगमगा जाता था। उसके जाने के बाद हमारे घर संसार में अंधेरा है। लेकिन माननीय सुप्रीम कोर्ट हमारे जीवन में अंधेरा करने वाले इन दरिंदों को फांसी की सजा देकर। हमारे घर में एक बार फिर से रोशनी की किरन जगमगाएगा। हमें उम्मीद हैं कि जैसे निर्भाया के हत्यारों को फांसी की सजा की दी गई,वैसे ही, हमारी बेटी किरन नेगी के हत्यारों को भी जल्द से जल्द फांसी के तख्त पर लटका दिया जाएगा।

कैंडल मार्च पहुंचे दिल्ली मयूर विहार भाजपा जिलाध्यक्ष डा.विनोद बछेती ने इस मौके पर कहा कि आज पूरे उत्तराखंड का जनमानस सुप्रीट कोर्ट ने निर्णय का इंतजार कर रहा है। हमें उम्मीद हैं कि पहाड़ की बेटी किरन नेगी के हत्यारों को जिस तरह से हाई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। उसी फैसले को बरकार रखते हुए,माननीय सर्वोच्च न्यायालय भी इन दरिन्दों को फांसी की सजा सुनाएगा।

श्री बछेती ने कहा कि तमाम माध्यमों से सूचना मिल रही है कि किरन नेगी के हत्यारे फांसी से बचने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहे है। इन दरिन्दों द्वारा कोशिश की जा रही है कि इनकी फांसी की सजा आजीवन कारावास तब्दील हो जाए। उन्होंने उत्तराखंड के तमाम सामाजिक संगठनों और लोगों से अपील की पहाड़ की बेटी किरन नेगी के हत्यारों की इस साज़िश को हम कामियाब नहीं होने देगें। हम आज जिस तरह से अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए यहां एकत्रित हुए है। हमें यह लड़ाई निरंतर जारी रखनी हैं,तब तक जब तक हमारे बेटी किरन नेगी के हत्यारों को फांसी की सज़ा न मिल जाए।

डॉक्टर बछेती ने पहाड़ के जनमानस से अपील की कि आप सभी लोग एक जुट एक मुट होकर उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी के हत्यारों को फांसी की सज़ा दिलाने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय से मांग करें। उन्होंने कहा कि दरिंदों ने जो बर्बरता किरन नेगी के साथ की फिर कोई ऐसी हिमाकत न करें,इसके लिए जरूरी है कि किरन नेगी के दोषियों को हर हाल में फांसी दी जाए।

आपको बता दें कि उत्तराखंड की बेटी किरण नेगी 9 फरवरी 2012 को गुड़गांव स्थित कंपनी से काम कर अपनी तीन सहेलियों के साथ रात करीब 8:30 बजे नजफगढ़,छावला कला कॉलोनी पहुंची थी कि तभी कार में सवार तीन वहशी दरिंदों ने तीनों लड़कियों से बदतमीजी करनी शुरू कर दी,जैसे ही तीनों लड़कियां वहां से भागने लगी,उसी दौरान दरिन्दों ने उसे जबरन कार में बिठाकर और उसका सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसके कानों में तेजाब डालकर सारी हदें पार कर उसकी लाश को हरियाणा के खेतों में फेंक दिया था।

इसकी सूचना किरन नेगी की सहेलियों ने पुलिस व उसके घर वालों को दी, लेकिन पुलिस ने इस पर जो कार्यवाही की वो जग जहीर है। जिसके बाद उत्तराखंड समाज के लोगों ने सड़कों पर निकल कर इस घटना का जबरदस्त विरोध किया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। जिसके बाद द्वारका कोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई और हाई कोर्ट ने फांसी की सजा बरकार रखा।

किरन नेगी के हत्यारों के इन आरोपियों पर अब 10 साल बाद सुप्रीम कोर्ट  अंतिम सुनवाई देने जा रहा है। इसी को लेकर दिल्ली,एनसीआर की तमाम उत्तराखंडी सामाजिक संस्थाओं के लोगों ने शुक्रवार शाम 5 बजे दिल्ली के जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च निकाल कर माननीय जजों से नजफ़गढ़ की निर्भया को शीघ्र न्याय देने की मांग की।