National:-हिंदी अकादमी दिल्ली ने की 3 साल के पुरस्कारों की एक साथ घोषणा,अशोक बाजपेयी,चित्रा मुद्गल व निर्मला जैन को शलाका सम्मान,डॉ.हरिसुमन बिष्ट को गद्य सम्मान

0
325

हिंदी अकादमी,दिल्ली ने लेखकों,पत्रकारों,कवियों एवं हिंदी सेवियों को हिंदी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में उनके द्वारा की गई जीवन पर्यन्त सेवा,प्रचार-प्रसार और पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिए जाने वाले सम्मान की घोषणा कर दी है। हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि तीन वर्षों से रुके पुरस्कारों को इस बार दिया जाएगा। इसमें वर्ष 2022-23,2023-24 और 2024-25 के साहित्यकार सम्मान भी प्रदान किया जाएगा।


अकादमी पुरस्कारों के तहत वरिष्ठ साहित्यकारों अशोक बाजपेयी, चित्रा मुद्गल व निर्मला जैन को शलाका सम्मान,2022-23,2023-24 और 2024-25 प्रदान किया जाएगा। हिंदी अकादमी,दिल्ली द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार तीनों वरिष्ठ साहित्यकारों को पांच-पांच लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा हिंदी अकादमी ने एक नए पुरस्कार की भी घोषणा की है,जिसके तहत देश के वरिष्ठ साहित्यकारों को 11 लाख रुपये की राशि से सम्मानित किया जाएगा और यह विशिष्ट सम्मान होगा। इस विशिष्ट सम्मान को अगले वित्त वर्ष 2025-26 से लागू किया जाएगा।
कला,संस्कृति एवं भाषा मंत्री सौरभ भारद्वाज की अध्यक्षता में 30 दिसंबर 2024 को हुई हिंदी अकादमी,दिल्ली की संचालन समिति की बैठक में पुरस्कारों का फैसला किया गया। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा,‘‘ इन पुरस्कारों की घोषणा से हिंदी अकादमी ने साहित्य के क्षेत्र में एक मील का पत्थर स्थापित किया है।’’

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.हरिसुमन बिष्ट को हिंदी अकादमी गद्य सम्मान

हिंदी अकादमी ने कई अन्य पुरस्कारों की घोषणा भी की है,जिसके तहत वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.हरिसुमन बिष्ट और प्रयाग शुक्ल को हिंदी अकादमी गद्य सम्मान के लिए चुना गया है। उपन्यास, कहानी,नाटक एवं यात्रा साहित्य के साथ-साथ गीत और सिनेमा के लिए पटकथा लिखने वाले डॉ.हरिसुमन बिष्ट हिन्दी भाषा साहित्य के एक लोकप्रिय साहित्यकार हैं। उन्होंने अपने सरोकारों और संवेदनाओं से भरी कृतियों से अपना आकाश बनाया है।
डॉ.हरिसुमन बिष्ट को हिंदी अकादमी गद्य सम्मान मिलने की घोषणा के बाद उत्तराखंड में खुशी की लहर है। सम्मान की घोषणा होने पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी,पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित साहित्य-कला एवं संस्कृति से जुड़ी कई हस्तियों ने डॉ.बिष्ट को बधाई दी है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले कुन्हील गांव में 1 जनवरी,1958 को जन्मे डा.हरिसुमन बिष्ट का हिंदी साहित्य जगत में एक कथाकार,उपन्यासकार और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं संवर्द्धन के लिए हिंदी सेवक के रूप में महत्वपूर्ण स्थान है। डॉ.बिष्ट की प्रारंभिक शिक्षा गाँव की प्राथमिक पाठशाला में हुई,मानिला इंटर कॉलेज,मानिला से हाईस्कूल एवं इंटर,कुमायूँ विश्वविद्यालय से स्नातक एवं स्नातोकोतर तथा आगरा विश्वविद्यालय,आगरा से पीएच.डी.की शिक्षा प्राप्त की,सामाजिक सरोकारों और संवेदनाओं से भरी अपनी कृतियों से उन्होंने अपना आकाश बनाया है। उनकी रचनाओं का अंग्रेजी सहित कई भारतीय भाषों में अनुवाद हो चुका है। भारतीय भाषाओं के साहित्यकारों के बीच भी उनके उपन्यास और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं अवदान के लिए काफी चर्चा में रहे हैं।


डॉ.हरिसुमन बिष्ट की प्रकाशित कृतियों की बात करें तो,ममता, आसमान झुक रहा है,होना पहाड़,आछरी-माछरी,बसेरा,भीतर कई एकान्त,बत्तीस राग गाओ मोला तथा अपने अरण्य की ओर (उपन्यास) सफ़ेद दाग,आग और अन्य कहानियाँ,मछरंगा,बिजूका और अन्य कहानियाँ,हरिसुमन बिष्ट की चुनी हुई कहानियाँ,प्रेक्षागृह एवं अन्य कहानियाँ (कहानी-संग्रह),अन्तरयात्रा,नील के आर पार (यात्रा-वृतान्त),आछरी माछरी,दिसम्बर 1971 का एक दिन,प्रेक्षागृह तथा लाटा नाटक प्रमुख कृतियाँ हैं। हरिसुमन बिष्ट की रचनाओं का अंग्रेज़ी सहित भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। नाटकों का मंचन हुआ है।
पुरस्कार और सम्मान की बात करें तो डॉ.हरिसुमन बिष्ट को उनके रचानाकर्म को लेकर समय-समय पर विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया जाता रहा है। प्रमुख रूप में मध्य प्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति,हिन्दी भवन,भोपाल,विजय वर्मा कथा सम्मान,मुम्बई, अखिल भारतीय रामवृक्ष बेनीपुरी साहित्य सम्मान,हजारीबाग, झारखण्ड,सृजन गाथा डाटकाम,मिस्र,उत्तराखण्ड फ़िल्म कलाकार संगठन,दिल्ली का लोक साहित्य सम्मान,मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति सम्मान,उत्तराखण्ड बालसाहित्य संस्थान,उत्तराखण्ड आंतोन चेखव सम्मान,मास्को,पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली और गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुर अन्तरराष्ट्रीय सम्मान एथेंस, में प्राप्त हुए हैं।
डॉ.हरिसुमन बिष्ट अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय से‎मिनार,सम्मेलनों में भी निरंतर प्रतिभाग करते है,जिनमें जोहानिसबर्ग एवं भोपाल में आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलनों में भी उनकी सक्रिय भागीदारी रही है,ताशकंद,समरकंद,इजिप्ट,इण्डोनेशिया,मलेशिया,मास्को,सेंटपीटर्सबर्ग, एथेंस(ग्रीस),वियतनाम,भूटान और नेपाल तथा सार्क लिटरेचर फेस्टिबल में व्याख्यान तथा रचनाओं का पाठ करते रहे हैं।