
भाजपा ने राज्य में चल रहे पंचायत चुनाव के दौरान कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन को राजनैतिक नौटंकी करार दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजनैतिक ड्रामेबाजी कर,पंचायत चुनाव प्रक्रिया बाधित करने की असफल कोशिश कर रही है। प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने राजभवन के घटनाक्रम को कांग्रेसी गुटबाजी से जोड़ते हुए कहा कि राज्यपाल बाहर हैं और इसके बावजूद कांग्रेसियों में धरने प्रदर्शनों और अनर्गल बयानबाजियों की होड़ लगी है।
उन्होंने विभिन्न माध्यमों पर मीडिया से हुई बातचीत में कहा कि राज्य में चारों और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चलते लोकतान्त्रिक उत्सव का माहौल है। विशेषकर ग्रामीण,अपने गांवों में स्थानीय सरकार चुनने के लिए बेहद उत्साहित होकर इस प्रक्रिया में भागीदारी कर रहे हैं। भाजपा संगठन भी अपने समर्थित पंचायत प्रत्याशियों के साथ चुनाव में उतरे कार्यकर्ताओं की जीत सुनिश्चित करने में जुटी है। बहुत बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार भी अपने अपने क्षेत्रों में विकास प्रतिनिधि बनने के लिए जनता के बीच पहुंच रहे हैं। सभी इच्छुक हैं कि शीघ्र अपना प्रतिनिधि चुने और गांवों में विकास की रफ्तार तेज हो।
वहीं उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा कि सभी लोग इस लोकतंत्रिक उत्सव में शामिल हो रहे हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी लगता है अभी से अपनी हार का शोक मना रही है। पहले पंचायत चुनाव नहीं होने का रोना रोते रहे,फिर चुनाव की घोषणा हुई तो न्यायालय पहुंच गए,अब सब बाधाएं दूर हो गई कि तो चुनाव प्रक्रिया और व्यवस्था पर झूठ और भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कांग्रेसी गुटबाजी पर तंज कसते हुए कहा,उनके नेता,कार्यकर्ता चुनाव मैदान के बजाय घर पर बैठे हैं। चुनाव में आगे निकलने के बजाय आपस में ही होड लगा रहे हैं। यही कारण है कि बढ़ चढ़ कर पंचायत चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने और मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए बेबुनियादी सवाल उठाए जा रहे हैं।
इस संबंध में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष द्वारा राजभवन के बाहर किए प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा,सभी जानते हैं कि राज्यपाल बाहर हैं और ऐसे में उनका मिलना अभी संभव नहीं है। लेकिन कांग्रेस नेताओं में होड़ लगी रहती है कैसे भी प्रतिद्वंदियों से अधिक मीडिया फोकस बना जाए। इसीलिए राजभवन जाकर,धरना प्रदर्शन से बेवजह विवाद खड़ा करने की कोशिश की गई। लेकिन प्रदेश में कानून व्यवस्था से किसी को खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। अफसोस होता है कि यही लोग संविधान की किताब लेकर घूमते हैं और आज यही लोग प्रदेश में जारी संवैधानिक प्रक्रिया का बाधित करना चाहते हैं।