प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण,241 साल बाद बाबा धाम का नया स्वरूप आया समाने

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र काशी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया। लोकार्पण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि काशी के सभी बंधुओं के साथ बाबा विश्वनाथ के चरणों में हम नमन करते हैं। हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है, सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा, “काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, भारत को एक निर्णायक दिशा देगा,एक उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएगा,ये परिसर, साक्षी है हमारे सामर्थ्य का,हमारे कर्तव्य का,अगर सोच लिया जाए, ठान लिया जाए, तो असंभव कुछ भी नहीं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा आप यहां जब आएंगे तो केवल आस्था के दर्शन नहीं करेंगे। आपको यहां अपने अतीत के गौरव का अहसास भी होगा। कैसे प्राचीनता और नवीनता एक साथ सजीव हो रही हैं, कैसे पुरातन की प्रेरणाएं भविष्य को दिशा दे रही हैं,इसके साक्षात दर्शन विश्वनाथ धाम परिसर में हम कर रहे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है,सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। भगवान विश्वेश्वर का आशीर्वाद,एक अलौकिक ऊर्जा यहाँ आते ही हमारी अंतर-आत्मा को जागृत कर देती है। आपको बता दें कि योगी सरकार ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के कार्यक्रम को भव्य और विशाल बनाने के लिए पूरे काशी शहर को सजाया हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रूज पर सवार होकर दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दर्शन किए। इस मौके पर श्रद्धालु हर-हर महादेव के जयकारे लगा प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन किया। प्रधानमंत्री ने श्रद्धालुओं के अभिवादन को स्वीकारते हुए हाथ जोड़ गंगा आरती में हिस्सा लिया।

बाबा धाम का नया स्वरूप 241 साल बाद आया दुनिया के सामने

काशी विश्‍वनाथ धाम करीब 5 लाख स्‍कवॉयर फीट में बना हुआ है। इसकी कुल लगात 900 करोड़ रुपए है। गंगा तट से मंदिर के गर्भगृह तक बने काशी विश्वनाथ धाम का यह नया स्वरूप लगभग 241 साल दुनिया के सामने आया है।। इतिहासकारों के अनुसार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर वर्ष 1194 से लेकर 1669 तक कई बार हमले हुए। 1777 से 1780 के बीच मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। ढाई दशक बाद पीएम मोदी ने आठ मार्च 2019 को मंदिर के इस भव्य दरबार का शिलान्यास किया था।