टिहरी जनपद के भिलंगना ब्लॉक में स्थित लोक जीवन विकास भारती में समाजसेवी स्वर्गीय बिहारी लाल जी की द्वितीय जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर बिहारी लाल स्मृति सर्वोदय सम्मान-2022 भी प्रदान किए गए। यह सम्मान सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले बावन सिंह बिष्ट,धीरेंद्र प्रसाद नौटियाल, वैशाखी लाल,श्यामलाल भाई और जय प्रकाश राणा को प्रदान किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने यह सम्मान प्रदान किया।
इस मौके पर श्री टम्टा ने बिहारी लाल जी पर लिखी दो पुस्तकों का विमोचन भी किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित टिहरी के जाने-माने वकील शांति प्रसाद भट्ट,भिलंगना विकास क्षेत्र के पूर्व प्रमुख विजय गुनसोला,प्रताप नगर के पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुरालीलाल खंडवाल,सर्वोदय नेता ओमप्रकाश डंगवाल, हिमालय डेवलपमेंट एसोसिएशन के संस्थापक देवीलाल साह,प्रेमलाल तिरकोटिया,पूर्व जिला पंचायत सदस्य दिनेश लाल एवं कैलाशी देवी, बूढ़ा केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह नेगी भी उपस्थित रहे। इस मौके पर बडी संख्या में कार्यक्रम में पहुंचे ग्रामीणों इस बेहतर आयोजन के लिए आयोजन समिति का आभार प्रकट करते हुए,सम्मानित अतिथियों का अभिनंदन किया।
इस अवसर पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि बिहारीलाल जी ने उत्तराखंड हिमालय के विकास के लिए जिस तरह के मॉडल प्रस्तुत किए हैं। उससे यदि सीख ली गई होती तो,उत्तराखंड में छोटी-छोटी पनबिजली बनाकर हर घर रोजगार एवं प्रकाश पहुंचाया जा सकता है। छोटी पनबिजली के कारण विस्थापन भी नहीं होता और लोगों को रोजगार भी मिलता है। उन्होंने लोक जीवन विकास भारती में छोटी पनबिजली का उदाहरण देकर कहा कि गांव में ऊर्जा समिति बनाकर लोग अपनी बनाई हुई बिजली का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए किसी इंजीनियर की जरूरत नहीं है। लोग स्वयं ही इसका संचालन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की बुनियादी तालीम का वर्षों तक बिहारी लाल जी ने जिस तरह से उदाहरण पेश करके दर्जनों विद्यार्थियों को पढ़ने-लिखने के साथ उन्हें रोजगार से जोड़ा हैं,वह बहुत सराहनीय कार्य है। उन्होंने उत्तराखंड के विकास के मॉडल पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि यदि हिमालय को बचाना हैं,तो निश्चित ही यहां के जल,जंगल ,जमीन के सही नियोजन पर बिहारी लाल जी की कल्पना के अनुसार विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यद्यपि उन्हें इस कार्य के लिए कोई बड़ा पुरस्कार न मिला हो लेकिन हम अनुभव करते हैं कि उनकी जिस तरह से अपने क्षेत्र के लोगों के बीच में एक मजबूत पहचान है,जो उनके टिकाऊ विकास के कारण ही संभव हो सका है। जिसके लिए उन्हें जनता का भरपूर सम्मान हमेशा से मिलता आ रहा है और उनके मरणोपरांत भी लोग बड़ी संख्या में एकत्रित होकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता उनके कार्यों से प्रेरणा ले रहे हैं।
इस सम्मान समारोह का संचालन करते हुए सुरेश भाई ने कहा कि बिहारी लाल जी के कार्यों के विषय पर एक संग्रहालय का निर्माण किया जाना चाहिए। इसके साथ ही राजकीय इंटर कॉलेज थाती के साथ उनका नाम जोड़ा जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव देने की भी तैयारी चल रही है। उन्होंने पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद और समाजसेवी रहे स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा और बिहारी लाल जी के जीवन एवं कार्यों के विषय को पाठ्यक्रम में जोड़ा जाना चाहिए। इसके अलावा विश्वविद्यालयों और शोध संस्थान से जुड़े हुए वैज्ञानिकों और शोधार्थियों द्वारा दस्तावेज करवाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हर वर्ष बिहारी लाल स्मृति सर्वोदय सम्मान समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को दिया जाएगा। लोक जीवन विकास भारती में इसके लिए बिहारी लाल स्मृति समिति बनाई गई है,जिसके द्वारा प्रतिवर्ष उनकी स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
इस सम्मान समारोह में तरुण पर्यावरण विज्ञान संस्था के सचिव नागेंद्र दत्त,क्षेत्र पंचायत सदस्य अब्बल छनवान,आरबी सिंह,महावीर श्रीवाल,जयप्रकाश,रेखा कृथवाल,मंजू सिंह,अंजू छनवान,हिम्मत रौतेला, सतीश रतूड़ी,महेंद्र प्रसाद नाथ,द्वारिका प्रसाद सेमवाल,सदानंद सेमवाल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।