Facebook Instagram Twitter Youtube
  • होम
  • उत्तराखंड न्यूज
    • देहरादून
    • हरिद्वार
    • पौड़ी गढ़वाल
    • नैनीताल
    • चमोली
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • ऊधम सिंह नगर
    • क्राइम
    • चंपावत
    • टिहरी
    • नई दिल्ली
    • पिथौरागढ़
    • बागेश्वर
    • रूद्रप्रयाग
  • देश-विदेश
  • उत्तराखंड की लोक संस्कृति
  • धर्म-अध्यात्म
  • एक्सक्लूसिव
  • साहित्य-कला
  • सेहत
  • अन्य
    • उत्तर प्रदेश
      • लखनऊ
      • कानपुर
    • ख़बरें पहाड़ की माटी की
    • खेल
    • विचार
    • वीडियो संग्रहालय
    • संवाद जाह्नवी
    • साक्षात्कार
Search
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
प्राइवेसी पालिसी
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.
संवाद जान्हवी
  • होम
  • उत्तराखंड न्यूज
    • देहरादून
    • हरिद्वार
    • पौड़ी गढ़वाल
    • नैनीताल
    • चमोली
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • ऊधम सिंह नगर
    • क्राइम
    • चंपावत
    • टिहरी
    • नई दिल्ली
    • पिथौरागढ़
    • बागेश्वर
    • रूद्रप्रयाग
  • देश-विदेश
  • उत्तराखंड की लोक संस्कृति
  • धर्म-अध्यात्म
  • एक्सक्लूसिव
  • साहित्य-कला
  • सेहत
  • अन्य
    • उत्तर प्रदेश
      • लखनऊ
      • कानपुर
    • ख़बरें पहाड़ की माटी की
    • खेल
    • विचार
    • वीडियो संग्रहालय
    • संवाद जाह्नवी
    • साक्षात्कार
Facebook Instagram Twitter Youtube
Home उत्तराखंड न्यूज शिक्षा की गंगोत्री,गंगोत्री गर्ब्याल!
  • उत्तराखंड न्यूज
  • संवाद जाह्नवी
  • साहित्य-कला

शिक्षा की गंगोत्री,गंगोत्री गर्ब्याल!

By
admin
-
August 20, 2021
0
1549
Share
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp
Telegram

    9 दिसंबर 1918 को धारचूला में जन्म लेकर 20 अगस्त 1999 तक जीवन पर्यंन्त सीमांत की शिक्षा विशेषकर बालिका शिक्षा और समाज उत्थान में अग्रणी भूमिका निभाने वाली गंगोत्री गर्ब्याल का उत्तराखंड के सीमांत में स्त्री शिक्षा के प्रसार में वही स्थान है,जो देश में स्त्री शिक्षा के प्रसार में सावित्रीबाई फुले का रहा है।

    श्रीमती गंगोत्री गर्बयाल का जन्म उत्तराखंड के दारमा , ब्यास ,चौंदास और जोहार की हस्तशिल्प और विदेश व्यापार से संपन्न उस सांस्कृतिक घाटी में हुआ, जिसके हिस्से लगभग बारह सौ वर्ष तक स्वतंत्र रूप से तिब्बत और चीन से वस्तु विनिमय के आधार पर व्यापार की श्रेष्ठतम विधा को बनाए रखने का श्रेय जाता है, जो घाटी मध्यकाल की तमाम राजनीतिक उथल-पुथल और अतिक्रमण के इतिहास से मुक्त रही।

    हिमालय की गोद में पसरी इस सुरम्य घाटी में उन दिनों व्यापार में प्रयुक्त घोड़े और बकरियों के गले में बंधी घंटियां जो संगीत पैदा करती थी, वह व्यापार की समझ ही बढाती थी। लेकिन घंटियों की गन-मन गन-मन में बालिका गंगोत्री ने मां सरस्वती की वीणा से विद्या वाचन का संगीत सुना और उनके भीतर आगे की पढ़ाई के लिए अल्मोड़ा जाने का संकल्प गहरा होता गया।

    अपने संकल्प को बालिका गंगोत्री दिन-रात दोहराती थी ।अल्मोड़ा में आगे की पढ़ाई के साथ उनके भविष्य के स्वप्न विस्तार पा रहे थे। 1930 में गांव से कक्षा 4 पास कर, गंगोत्री 29 मार्च 1930 को धारचूला से 150 किलोमीटर की दुरह पर्वतीय व हि पदयात्रा से अल्मोड़ा के लिए निकल गई, तब 11 वर्ष की बच्ची का शिक्षा प्राप्ति के लिए ऐसा संकल्प और इतनी कठिन राह को चुनना बालिका गंगोत्री के शिक्षा के क्षेत्र में उनकी बड़ी छलांग के संकेत दे रहे थे।

    4 अप्रैल 1930 को 7 दिन की थका देने वाली यात्रा के बाद गंगोत्री गर्बयाल अल्मोड़ा पहुंची। जहां उनकी दीदीयां रंदा और येगा पहले से शिक्षा ग्रहण कर रही थी। 1931 में वर्नाकुलर लोअर मिडिल की शिक्षा पूरी हो गई ,अब आगे की शिक्षा के लिए उनकी प्रतिभा को देखते हुए उस वक्त की मुख्य विद्यालय निरीक्षका मिस ई.विलियम्स ने उनकी संरक्षिका रंदा दीदी को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए कहा और यह आश्वासन दिया कि वह आगे की पढ़ाई के लिए पूरी छात्रवृत्ति स्वयं देंगी।

    इस प्रकार के प्रोत्साहन ने गना यानि गंगोत्री गर्बयाल का उत्साह द्विगुणित कर दिया, अल्मोड़ा में पढ़ाई के साथ सहायक गतिविधियां भी जारी थी।  तभी 1935 में मात्र 3 दिन की बीमारी के बाद उनके मंगेतर का देहांत हो जाने की खबर ने उन्हें भीतर से तोड़ दिया। उनके भीतर वैराग्य का विस्तार हो रहा था. इस बैराग्य ने उन्हें नारायण स्वामी आश्रम पहुंचा दिया जहां 1937 में उन्होंने स्वामी जी के सानिध्य में दीक्षा प्राप्त की, इस बैराग्य के बाद भी शिक्षा के प्रति उनका अनुराग बना रहा। आश्रम की दीक्षा से वह भीतर से संतुलित और मजबूत होती गई ।

    1939 में इंग्लिश टीचर सर्टिफिकेट प्राप्त कर,वह बरेली में प्राथमिक विद्यालय में ही अध्यापिका हो गई।यही स्वाध्याय से इंटर ,बी.ए.एम.ए और एल.टी की परीक्षा उनके द्वारा पास की गई।1945 में अल्मोड़ा में जब मॉडल स्कूल की स्थापना हुई तो आप बतौर शिक्षिका अल्मोड़ा पहुंच गई।

    अल्मोड़ा पहुंचने का अभिप्राय था, अवचेतन के सपनों को पंख लग जाना। जहां आपका संपर्क गांधीवादी विचार में पली-बढ़ी परिपक्व महिलाएं गौरा देवी शिवानी, जयंती पांडे, जयंती पंत तथा कौसानी लक्ष्मी आश्रम की सरला बहन, राधा बहन आदि से भी हुआ। शिक्षा के साथ ही समाज सेवा का आप का संकल्प गहरा होता गया।

    1948 में आप सीमांत अस्कोट के जिला पंचायत सदस्य चुनी गई और अल्मोड़ा जिला पंचायत की निर्विरोध उपाध्यक्ष, इधर 1949-51 में तिब्बत को लेकर चीन के विस्तार वादी रुख को भांपते हुए।  आपने सीमांत की रक्षा के लिए सामाजिक पहल की,24-26 फरवरी 1952 को रामनगर में लाहौल स्पीति, हिमांचल,गढ़वाल और कुमाऊं के सीमांत के प्रतिनिधियों का एक विशाल सम्मेलन आयोजित किया जिसमें तत्कालीन सांसद डी.डी पंत  तथा हर गोविन्द जैसे बड़े जनप्रतिनिधियों ने भागीदारी की यहां सीमांत के विकास के साथ उसके व्यापार और सुरक्षा के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया,हिमालय सुरक्षा समिति का गठन किया।

    इस प्रस्ताव के बाद सीमांत की सुरक्षा को लेकर नव स्वतंत्र भारत ने सीमांत क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर काम प्रारंभ किया । 1961 में आपका प्रधानाध्यापिका पद पर चयन हुआ, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज उत्तरकाशी तथा गोपेश्वर में आपकी सेवाएं बेहद सराहनीय रही आप सारी उम्र स्त्री शिक्षा विशेषकर सीमांत क्षेत्र की स्त्री शिक्षा के लिए समर्पित रही। चीन युद्ध में सेना के साथ रसद लेकर सेना के साथ खडे होकर सामाजिक सहयोग की जो परंपरा आपने स्थापित की वह हमारे गौरव को बढ़ाता है। आपके घर में ही बतौर छात्रावास ग्रामीण छात्राएं 15 दिन से 15 साल तक निवासरत रही ।

    1978 में सेवानिवृत्ति के बाद आपने अपना अधिकांश समय नारायण स्वामी आश्रम, नारायण नगर की गतिविधियों एंव सामाजिक चेतना के कामों को समर्पित किया। उत्तराखंड के सीमांत में शिक्षा और सामाजिक चेतना के विस्तार में आपका बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। आज आप की पुण्यतिथि 20 अगस्त 1999 पर भावपूर्ण स्मरण, विनम्र श्रद्धांजलि।

    आलेखः- प्रमोद शाह

    • TAGS
    • gangotree garbyaal
    • Gangotri Garbyal
    • gangotri-garbyal
    • gangotri-garbyal-social-activist-from-uttarakhand
    • Garbyang Village
    • Pramod Shah
    • Remembering Gangotri Garbyal of Garbyang
    • shiksha kee gangotree
    • Yaden
    • उत्तराखंड
    • उत्तराखंड न्यूज
    • उत्तराखंड समाचार
    • गंगोत्री गर्ब्याल
    • गंगोत्री गर्ब्याल!
    • प्रमोद शाह
    • शिक्षा की गंगोत्री
    • समाजसेवी गंगोत्री गर्ब्याल
    Share
    Facebook
    Twitter
    Pinterest
    WhatsApp
    Telegram
      Previous articleनैनीताल में आयोजित हुई राज्य अनुसूचित जाति आयोग की बैठक,मौके पर हुआ कई मामलों का निरस्तारण
      Next articleभाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा एवं सीएम पुष्कर धामी ने किया “उत्तराखण्ड विकास के स्वर्णिम पथ पर“ एवं “युवा प्रदेश युवा नेतृत्व विकल्प रहित संकल्प“ पत्रिका का विमोचन
      admin
      https://www.samvadjanhvi.com

      RELATED ARTICLESMORE FROM AUTHOR

      उत्तराखंड न्यूज

      UTTARAKHAND:-कांग्रेस नेता हरीश रावत के बयान ‘रूपये कमाने में लगी ब्यूरोक्रेसी’ पर भाजपा का जवाब कहा-ब्यूरोक्रेसी राज्य की अर्थिकी की रीढ़,धैर्य और संयम से...

      उत्तराखंड न्यूज

      UTTARAKHAND:-मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के कार्यकाल के चार साल पर कांग्रेस के आरोपो पर भाजपा का पलटवार कहा-सीएम के चार साल बेमिसाल,कांग्रेस की प्रतिक्रिया हताशा

      उत्तराखंड न्यूज

      UTTARAKHAND:-भाजपा परिवार ने अपने संस्थापक,प्रेरणास्रोत और वैचारिक अधिष्ठान स्व.डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जन्म जयंती पर दी श्रद्धांजलि

      I'M SOCIAL

      20,822FansLike
      0FollowersFollow
      2,263FollowersFollow
      0SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      MOST COMMENTED

      उत्तराखंड न्यूज

      मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से की शिष्टाचार भेंट,उत्तराखंड...

      admin - May 1, 2023 0
      मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखंड के विकास में उनके मार्गदर्शन और सहयोग के...

      टिहरी जिले के कांग्रेस कोऑर्डिनेटर बनाए जाने पर राहुल चौहान का...

      June 28, 2021

      Uttarakhand:-ब्रह्मकुमारी की उप क्षेत्रीय प्रमुख मंजू दीदी ने की सीएम धामी...

      October 26, 2024

      देहरादून में हुआ भक्तदर्शन लिखित ‘गढ़वाल की दिवंगत विभूतियां’ पुस्तक का...

      May 31, 2023

      MOST POPULAR

      उत्तराखंड-‘आओ गांव चलें,उत्तराखंड को तम्बाकू मुक्त’ अभियान के तहत राज्यभर में...

      May 31, 2022

      मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मिले राज्य के उद्योग व्यापार से जुड़े...

      June 14, 2022

      Lok parva Igass Bagwaal:-राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह एवं सीएम धामी...

      November 12, 2024

      Uttarakhand:-मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा कांड में दो पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की...

      March 19, 2024
      Load more
      - Advertisement -

      LATEST NEWS

      जम्मू-कश्मीर के शोपियां में शहीद हुए उत्तराखंड के लाल प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचा उनके गांव पुंडोली,सैन्य सम्मान के साथ होगा अंतिम...

      admin - June 4, 2022 0

      कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने देहरादून में किया स्टेट इवेंट ऑन सैनेटेशन कार्यक्रम का शुभारंभ

      October 20, 2022

      Dehradun:-अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन विशेष-द्वितीय सत्र,पर्यटन में नई उपलब्धियों के साथ आगे आ रहा उत्तराखंड

      January 13, 2025
      ABOUT US
      संवाद जान्हवी पर आप उत्तराखंड की हर छोटी-बड़ी खबर, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार, फोटो, वीडियो हर जानकारी प्राप्त कर सकते है
      Contact us: admin@samvadjanhvi.com
      FOLLOW US
      Facebook Instagram Twitter Youtube
      • About
      • Privacy Policy
      • Contact
      © samvadjanhvi.com
      MORE STORIES
      उत्तराखंड न्यूज

      मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने किया यूसर्क द्वारा आयोजित ‘द्वितीय बाल-युवा समागम’...

      admin - January 24, 2023 0
      उत्तराखंड न्यूज

      Uttarakhand:-मुख्य सचिव राजस्व वृद्धि से संबंधित विभागों की ली बैठक,राजस्व प्राप्ति...

      admin - May 9, 2023 0