सावधान-उत्तराखंड में फिर डराने लगे है कोरोना के बढ़ते आंकडे,मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एसओपी

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उत्तराखंड में अचानक से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर से डराने लगे है। मंगलवार को राज्य में एक दिन 346 नए मामले समाने आए है। जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग शर्तक हो गया है। दूसरी तरफ राज्य में मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए,स्वास्थ्य विभाग ने एसओपी जारी कर दी है। जिस पर सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सख्ती से अमल करने के निर्देश दिए गए है।

उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी कोरोना के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 188 सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव के मामले आए है। राज्य में कोरोना संक्रमण से 3 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कोरोना संक्रमण की दर बढ़कर 11 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है।

उत्तराखंड में कोरोना मरीजों का कुल आंकड़ा 9,8473 पहुंच चुका है। जबकि 92760 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके है। एक्टिव केसों की बात करें तो राज्य में कुल एक्टिव केसों के संख्या 1,925 है।

राज्य में कोरोना के मामलों की बात करें तो देहरादून में 188, हरिद्वार में 53,पौड़ी में 7,उतरकाशी में 21,टिहरी में 7,रुद्रप्रयाग में 3,नैनीताल में 40,चमोली में 5,पिथौरागढ़ में 1,उधमसिंहनगर में 6,बागेश्वर में 5,चंपावत में 2 और अल्मोड़ा में 8 मामले समाने आए है।

दूसरी तरफ उत्तराखंड सरकार ने मंकी पॉक्स के संभावित खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार की गाइड लाइन को राज्य में जारी कर दिया है। इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में हालांकि मंकी पॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया हैं,लेकिन फिर भी एहतियातन राज्य में मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र द्वारा बनायी गई गाइडलाइन जारी कर दी गई है।

जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह सभी विदेशों से यात्रा करके लौटे हुए व्यक्तियों पर निगाह रखें। संदिग्धों को किसी भी सूरत में दरकिनार न किया जाए। अस्पतालों में इलाज के दौरान मंकीपॉक्स जैसे लक्षण आने पर तुरंत उसे गंभीरता से लेते हुए जांचें कराएं

स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी में कहा हैं कि राज्य में मंकी पॉक्स की स्थिति की कड़ाई से निगरानी की जाए। जिसके लिए स्वास्थ्य प्रणाली को अलर्ट मोड पर रखने का निर्देश दिए गए है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने पहले ही एहतियात बरतते हुए मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी थी। जिसके तहत मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति की निगरानी की जाएगी,संक्रामक अवधि के दौरान किसी रोगी या उनकी दूषित सामग्री के साथ अंतिम संपर्क में आने के बाद 21 दिनों तक रोज निगरानी की जाएगी।