भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर पूरा विश्व टकटकी लगाकर देखता और सीखता है-के डी चंडोला

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भारत लोकतंत्र की ना केवल जननी है बल्कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है। इसकी सबसे बड़ी मिसाल हैं भारत में होने वाले आम चुनाव। इन चुनावों में देश के लोगों से अधिक विश्व के लोगों और मीडिया की नजर रहती है। ये कहना है कि भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार केशव दत्त चंडोला का,श्री चंडोला संविधान दिवस के मौके पर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में भारत:लोकतंत्र की जननी विषयक व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।

  • भारत ही लोकतंत्र की असल जननी है,इसका सबसे बड़ा प्रमाण है भारत की सनातन लोकतांत्रिक परंपरा:प्रो.सुधीर अवस्थी
  • सीएसजेएमयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में भारत:लोकतंत्र की जननी विषयक व्याख्यान का आयोजित

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि लोकतंत्र की जड़े भारतीय जनमानस में गहरे बैठी हुई है। उन्होंने चाणक्य और चंद्रगुप्त का उदाहरण देते हुए कहा कि चाणक्य चाहते तो खुद राजा बन सकते थे,परंतु उन्होंने लोक इच्छा को सर्वोपरि रखा। प्रो.अवस्थी ने रामायण में सीता के त्याग को याद करते हुए कहा कि इससे बड़ी लोकतंत्र की व्यवस्था क्या हो सकती है कि उस काल में भी राजा खुद से अधिक लोक को महत्व देते थे।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता और विशिष्ट अतिथि का मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.योगेंद्र पाण्डेय ने की। कार्यक्रम का संचालन डॉ.ओमशंकर गुप्ता ने किया।

कार्यक्रम में विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ.जीतेंद्र डबराल,डॉ.रश्मि गौतम,मीडिया प्रभारी डॉ.विशाल शर्मा,प्रेम किशोर शुक्ला,सागर कनौजिया और मीडिया टीम से आदित्य,रोहित,रतन आदि के साथ बड़ी संख्या में विभाग के छात्र और छात्राएं मौजूद रहे।