
संविधान दिवस की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि)ने राजभवन में संविधान की उद्देशिका का पाठन करते हुए उसमें निहित आदर्शों,कर्तव्यों,मानकों और दिशा-निर्देशों को अपने जीवन में आत्मसात करने की शपथ दिलायी।

इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि संविधान किसी भी देश का वह पवित्र दस्तावेज होता है जिसमें देश की जनता की आकांक्षाओं और सपनों को साकार करने का विजन होता है। हमारा संविधान और इसकी प्रस्तावना में भी देश की जनता की आशा और उम्मीदों को पूर्ण करने के उच्च मानक और आदर्शों का समावेश है।
राज्यपाल ने कहा कि संविधान में जहां भारत के समग्र और समावेशी विकास की अवधारणा निहित है वहीं गरीब,वंचित,महिला,वृद्ध,दिव्यांग सभी के सशक्तीकरण और उनको मुख्यधारा में लाने की रीति-नीति और संस्कारों का वर्णन है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में गांधी जी के अंत्योदय व सर्वोदय और संविधान निर्माता डॉ.भीमराव आंबेडकर के शोषित और वंचितों को मुख्यधारा में लाने की विचारधारा तथा स्वतंत्रता,समानता,पंथनिरपेक्षता,प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण सभी से संबंधित प्रावधान समाहित है। इसमें मौलिक अधिकार,मौलिक कर्तव्य,नीति-निर्देशक सिद्धांत,स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका शक्तियों का पृथक्करण,वयस्क मताधिकार इत्यादि उच्च नैतिक प्रतिमानों का भी समन्वय है जो भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व सम्मान लोकतांत्रिक गणराज्य को बनाये रखने में सार्थक है।
इस दौरान सचिव श्री नितेश झा व सचिव रविनाथ रामन,अपर सचिव रीना जोशी व आलोक कुमार पांडेय,महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो.दुर्गेश पंत,संयुक्त निदेशक सूचना डॉ.नितिन उपाध्याय सहित तकनीकी फिल्ड से जुड़े सरकारी एवं निजी संस्थानों के मार्गदर्शक और स्टूडेंट उपस्थित रहे।
















