एथलीट एवं पैरालंपिक पदक विजेता गरिमा जोशी पहुंची डीपीएमआई संस्थान,छात्र-छात्राओं के साथ साझा किए अपने अनुभव

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देश की प्रसिद्ध एथलीट एवं पैरालंपिक पदक विजेता गरिमा जोशी को दिल्ली के दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट  (डीपीएमआई) ने अपने संस्थान में आमंत्रित किया था। संस्थान में पहुंचक गरिमा जोशी छात्र-छात्राओं के साथ अपने अनुभव साझा किए।

मूल रूप से उत्तराखंड के द्वाराहाट के छतगुल्ला गांव की निवासी गरिमा जोशी बचपन से ही खेलों में अव्वल रही,उन्होंने वर्ष 2013 में अपने खेल जीवन की शुरूआत की और सबसे पहले देहरादून में आयोजित हुई मैराथन जीती। साल 2014 में अहमदाबाद में नेशनल गेम्स में हिस्सा लिया। वह 800 मीटर,1500 मीटर और 3000 मीटर की नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में कई पदक जीत चुकी हैं।

गरीमा जोशी को उनके खेल के लिए उत्तराखंड सरकार ने उन्हें कई बार सम्मानित किया। लेकिन जीवन में कई बार हालात खराब भी होते हैं और इंसान की अग्निपरीक्षा ऐसे ही मौकों पर होती है। ऐसी ही एक अग्निपरीक्षा से गरिमा जोशी को भी गुजरना पड़ा।

आपको बता दें कि 31 मई 2018 को प्रैक्टिस के दौरान एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी थी। जिसमें गरिमा बुरी तरह घायल हो गईं,उन्हें स्पाइनल कॉर्ड इंजरी हुई। कर्नाटक में उनका ऑपरेशन हुआ,लेकिन वह व्हीलचेयर पर आ गईं। निजी जीवन में भी उन्हें कई मुश्किल हालात का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। व्हील चेयर पर रहते हुए ही उन्होंने इटली में हुई वर्ल्ड पैरालंपिक में हिस्सा लिया और सिल्वर और ब्रांज मेडल जीता। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने उनकी सफलता पर उत्तराखण्ड सरकार की ओर से उन्हें घर जाकर सम्मानित किया। गरीमा जोशी ने अपने संघर्षों और मेहनत से साबित किया है कि परिश्रम और हौसले से जीवन में कितनी बड़ी कामयाबी पाई जा सकती है।

दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (डीपीएमआई) में पहुंची गरीमा जोशी ने अपने संघर्षों और मेहनत की बल पर निरंतर आगे बढ़ने के अनुभवों को डीपीएमआई के छात्र-छात्राओं के साथ साझा किया। इस मौके पर डीपीएमआई के निदेशक विनोद बछेती और एमडी पूनम बछेती ने गरीमा जोशी का अभिनंदन करते हुए उन्हें उनके सफल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।