भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित ई-विकास संवाद कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने “विकास की बात बूथ के साथ” कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखंड मात्र पहला राज्य है जहां एक समान शिक्षा नीति को सर्वप्रथम अपनाया और लागू किया गया है। उन्होनें कहा कि एनसीईआरटी के माध्यम से सभी छात्र सरकारी और निजी स्कूलों में समान शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। नई शिक्षा नीति के तहत हमें जो भी कठिनाई आई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में लागू किया गया है। अरविंद पांडेय ने कहा कि जिस किताब से करोड़पति का बेटा अध्ययन कर रहा है उसी किताब से गरीब का बेटा भी अध्ययन कर रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आज शिक्षा का केंद्र बन चुका है और हमारी प्राथमिकता व प्रयास रहेगा कि यह निरंतर बना रहे। समान शिक्षा के कारण आज सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। दुर्गम क्षेत्रों में समान शिक्षा के कारण आज पलायन रुका है। हमारी सरकार ने 100 अटल आदर्श विद्यालय का निर्माण किया है आज सरकारी स्कूलों के प्रति फिर से विश्वास स्थापित हुआ है। हमारी सरकार सीबीएसई की मान्यता के अनुसार शिक्षा दे रही है।आज प्रत्येक विकासखंड में दो अटल आदर्श विद्यालय स्थापित हुए हैं हमनें खोए हुए विश्वास को वापस स्थापित करते हुए दृढ़ संकल्प से नई शिक्षा के समस्त क्षेत्रों में कार्य किए। हमने 625 शिक्षकों की विषयवार अटल आदर्श विद्यालयों में नियुक्त किये गए है। COVID के कारण उत्पन्न हुए संकट में भी भाजपा सरकार द्वारा रिवर्स पलायन पर उत्तराखंड में आये उत्तराखंड वासियों के लिए रोजगार किये है। हमारी सरकार ने विसंगति को दूर करते हुए 4500 से ज्यादा शिक्षकों को पहाड़ में तैनाती दी। अतिथि शिक्षकों के 4500 शिक्षकों को 15000 से 25000 वेतन में वृद्धि की । सरकार ने 190 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में कौशल विकास पर शिक्षा विभाग में कार्य कर रहा है वक्त की मांग को देखते हुए हमने 200 माध्यमिक विद्यालयों में भी प्रमुखता से 8 विषयों का चयन 9वी का 12वीं छात्रों के लिए किया है जिससे कि उनका कौशल विकास हो सके।
लॉकडाउन के उपरांत वर्चुअल क्लास के माध्यम से सरकारी विद्यालयों ने ज्ञानदीप, रेडियो, दूरदर्शन,यूट्यूब के माध्यम से निरंतर शिक्षा देने का प्रयास किया
श्री पांडेय ने कहा कि 2017 की स्थिति और आज की स्थिति को देखें तो मिलेगा कि स्कूलों के 447 भवनों को हमने निर्माण किया है जिसने की 400 का कक्ष बनाए हैं, 122 प्रयोगशाला, 116 विद्यालय में पेयजल, 1200 में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय बनाए, 833 इलेक्ट्रिक स्कूलों में बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित की। उनकी सरकार ने 1800 सहायक अध्यापकों की सीधी भर्ती करी है 218 की पदोन्नति की है। सहायक अध्यापकों के 1431 पदों पर वर्तमान में भर्ती प गतिमान पर है। प्रवक्ताओं के 1412 पदों पर सीधी भर्ती हुई है, प्रवक्ता के 571 पदों पर चयन की प्रक्रिया गतिमान है। वर्ष 2020 में 1417 पदोन्नति की है।
श्री पांडेय ने खेल मंत्रालय में किये कार्यो का उल्लेख करते हुए कहा कि खेल क्षेत्र में कुछ प्रभावशाली लोगों के कारण पिछले 20 सालों से बीसीसीआई की मान्यता रुकी हुई थी जिससे उत्तराखंड के नौजवानों का उज्जवल भविष्य निरंतर गर्त में जा रहा था आज हमारी सरकार के माध्यम से उत्तराखंड क्रिकेट एसोसियेशन को बीसीसीआई से मान्यता मिली है और आज उत्तराखंड अच्छे युवाओं को स्थान दे रहा है उत्तराखंड में आज पहला खेल महाकुंभ भी पूर्ण हो गया है, हमारी सरकार ने खेल नीति 2020 भी बनाई है। पंचायत चुनाव में परिवर्तन किया दसवीं से कम दक्षता वाले और दो बच्चों से अधिक को चुनाव से दूर किया है हमारा संकल्प है कि अच्छे नेताओं का निर्माण भी हो सके। महिला मंगल दल,युवा मंगल दल को पहली बार 14268 प्रोत्साहित राशि दी जा रही है।
कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त होता है। शिक्षा के माध्यम से संस्कारों का निर्माण और शिक्षा ही संस्कारों की जननी है, शिक्षा के माध्यम से सभी विषयों का ज्ञान प्राप्त होता है एक अच्छा नागरिक बनाने के लिए, समाज को भीतर एक अच्छा सामाजिक नागरिक बनने के लिए, एक अच्छा ब्यूरोक्रेट्स, एक अच्छा नेतृत्व करने वाला राजनेता अच्छी शिक्षा में निहित है। हमने कैसी शिक्षा ग्रहण कर, ज्ञान किस वातावरण में ग्रहण किया, इन सभी विषयों पर पिछले साढे 4.5 वर्षों में उत्तराखंड सरकार ने सार्थक प्रयास किया है। 34 वर्षों के बाद देश को नई शिक्षा नीति मिली है 90 वर्षों तक प्रत्यक्ष संघर्ष किया।
श्री भंडारी ने कहा कि हमे नई शिक्षा नीति के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद करना चाहिए कि नई शिक्षा के तहत अब शिक्षा ग्रहण करने वाला प्रत्येक भारत का छात्र भारत माता की जय जयकार करेगा हमको यही शिक्षा चाहिए। हमको विद्या पहले रोजगार सृजन के लिए नहीं थी विद्या पहले व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण के लिए दी जाती थी। आज जो रोजगार की समस्या है वह भारत के स्वतंत्रता के बाद जो शिक्षा नीति रही वह इसकी दोषी है नेहरू व कांग्रेस की शिक्षा पद्धति दोषी रही है।
ई संवाद के संयोजक ज्योति प्रसाद गैरोला ने कहा समाज सेवा में हमारा शिक्षा के द्वारा जो योगदान हो सकता है वह हमारी सरकार और संगठन निरंतर कर रहा है हमारी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व पहल व युवा संकल्प के साथ आगे बढ़ने के कार्य किए हैं।
इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री संगठन श्री अजेय जी भी जुड़े रहे। राकेश ओबराय, डॉ डीएस मान, श्रीमती छाया खन्ना सहित देहरादून के कई प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने भाग लिया। प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार,प्रदेश आईटी संयोजक हिमांशु प्रदेश सोशल मीडिया सह प्रभारी परितोष बंगवाल,प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल,प्रदेश मंत्री मधु भट्ट उपस्थित रहे।