
भारतीय जनता पार्टी ने सेना द्वारा गुलामी की पहचान मिटाने की कोशिशों में लैंसडाउन का नाम परिवर्तन को शामिल करने का स्वागत किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि भारतीय सेना का अपने संस्थानों के ब्रिटिश कालीन नामों को उनके असली पहचान वाले नामों में बदलने की यह मुहिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की औपनिवेशिक व गुलाम मानसिकता वाली सोच को परास्त करने की मुहिम में एक कड़ी है।

भाजपा अध्यक्ष श्री भट्ट ने इसी क्रम में पौड़ी स्थित लैंसडाउन छावनी के नाम बदलने के प्रस्ताव भेजे जाने पर प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए कहा कि भाजपा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी है,लिहाज़ा प्रदेश व देशवासियों का नैतिक मनोबल व स्वाभिमान बढ़ाने वाले प्रत्येक कदम में साथ है। उन्होंने कहा स्थानीय लोगों व प्रदेशवासियों की लंबे समय से इस स्थान के मौलिक नाम कालो का डांडा को पुनर्स्थापित करने की मांग रही है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि लैंसडाउन छावनी अधिकारियों द्वारा सैन्य योजना के अनुशार व जनभावनाओं के अनुरूप नाम परिवर्तन का यह प्रस्ताव शीघ्र ही मंजूर हो जाएगा।
श्री भट्ट ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 70 साल तक देश में सत्ता सुख भोगने वालों को विचार करना चाहिए,अपनी राजनैतिक महत्वकांक्षा से अधिक देश समाज की सांस्कृतिक व स्वाभिमान बढ़ाने वाली पहचान को सम्मान देना अधिक जरूरी है।
आपको बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर अमल किया तो पौड़ी जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम ‘कालौं का डांडा हो जाएगा। रक्षा मंत्रालय के आर्मी हेड कवार्टर ने सब एरिया उत्तराखंड से ब्रिटिशकाल में छावनी क्षेत्रों की सड़कों,स्कूलों,संस्थानों,नगरों और उपनगरों के रखे नामों को बदलने के लिए प्रस्ताव मांगें हैं। यदि ऐसा हुआ तो 132 साल पुराने लैंसडौन नाम को बदल जाएगा।