Uttarakhand:-मुख्य सचिव ने कटाई उपरांत सेब भंडारण एवं पारगमन उन्नयन हेतु योजना अधिकारियों के साथ की बैठक,देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने को लेकर यूएमटीए के साथ भी की बैठक

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मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु ने बुधवार को सचिवालय में कटाई उपरांत सेब भंडारण एवं पारगमन उन्नयन हेतु योजना “Scheme for upgradation of Post Harvest Apple Logistics (SUPHAL)’’अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सेब की फसल के उत्पादन उपरान्त पारगमन और भंडारण हेतु बनाए जाने वाली पॉलिसी में ड्रोन तकनीक के प्रयोग के साथ ही रोपवे और शीतगृहों के निर्माण पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि मैदानी क्षेत्रों में शीत गृहों का संचालन बिजली के बिलों का अत्यधिक खर्च से व्यवहार्य नहीं रहता।


उत्तराखण्ड का पर्वतीय वातावरण शीतगृहों में बिजली के कम खर्च से इन्हें अत्यधिक व्यवहार्य बना देगा। इसलिए आने वाली पॉलिसी में शीतगृहों के निर्माण में निजी क्षेत्र के लोगों को आकर्षित करने हेतु प्रावधान किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि लॉजिस्टिक्स के विकास में रोपवे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ऑफ सीजन में यह रोपवे अन्य कार्यों में प्रयुक्त किए जा सकते हैं। आने वाले वर्षों में उन्नत ड्रोन तकनीक पारगमन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। ड्रोन तकनीक के व्यवहार्य होने तक अन्य विकल्पों पर फोकस किया जाए। उन्होंने प्रदेश के भीतर प्रसंस्करण इकाइयों को भी बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया। कहा कि बड़े स्तर पर लगाए जाने वाली प्रसंस्करण इकाइयों को एमएसएमई पॉलिसी के अंतर्गत लाभ भी दिए जाएं।
इस अवसर पर सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम,दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने को लेकर यूएमटीए की ली बैठक
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु ने सचिवालय में देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने को लेकर यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) की बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। यातायात संकुलन को कम करने के लिए हर प्रकार के छोटे से लेकर बड़े और महत्त्वपूर्ण कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए सार्वजनिक यातायात व्यवस्था को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि हमें इस स्तर की यातायात व्यवस्था आमजन को देनी है कि यात्री को शहर के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जाने में मात्र 200 से 300 मीटर से अधिक पैदल न चलना पड़े और वाहन बदलने पर 5 से 7 मिनट्स से अधिक का इंतजार न करना पड़े। इसके साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यातायात संकुलन के मुख्य स्थानों को चिन्हित कर उन तिराहों और चौराहों के सुधारीकरण का कार्य किया जाए।
मुख्य सचिव ने यातायात संकुलन कम करने के लिए प्रवर्तन को सख्ती से लागू करने पर जोर देते हुए कहा कि पार्किंग सुविधाओं को बढ़ाए जाने और नो पार्किंग ज़ोन में वाहन खड़ा करने पर अधिक से अधिक चालान किए जाने से काफी हद तक यातायात संकुलन को कम किया जा सकता है। उचित स्थान और उपयोगिता के अनुसार अंडर पास और फुट ओवर ब्रिज,एलिवेटेड रोड,रोप-वे और पीआरटी जैसी सेवाओं को कहां कहां शुरू किया जा सकता है,इस पर योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि बाईपास सड़कों के निर्माण से भी काफी हद तक यातायात दबाव कम किया जा सकता है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन,सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका,प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मैट्रो रेल जितेन्द्र त्यागी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।