उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून को लेकर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि राज्य में भू-कानून लागू करने को सरकार पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जल्द ही कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के लिए जन-भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है।
- मुख्यमंत्री ने कहा,भू-कानून के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सरकार को मिल चुकी है
- जल्द कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा भू-कानून का प्रस्ताव
मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भू-कानून के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सरकार को मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस रिपोर्ट को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता की भावना के अनुरूप सशक्त भू-कानून राज्य में लागू करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
कड़े भू कानून के लिए सरकार कृतसंकल्पित,भाजपा का कहने में नहीं करने में विश्वास-भट्ट
राज्य की जमीनों को भूमाफिया के चुंगल से मुक्त करने को बन रहा कड़ा कानून
भाजपा ने कहा कि वह प्रदेश की जमीनों को माफिया के चुंगल से मुक्त करने के लिए कृत संकल्प है और राज्य मे जल्दी ही सख्त भू कानून लागू होगा। इस क्रम में सरकार पहले ही अवैध कब्जे करने वालों के लिए 10 वर्ष की सजा, सत्यापन जैसे कड़े निर्णय और 3 हजार एकड़ जमीन मुक्त करा चुकी है।
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा महेंद्र भट्ट ने कहा कि राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार बोलने में नहीं कार्य करने में विश्वास रखती है। उन्होंने भू कानून की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार इस दिशा मे सभी तकनीकी पहुलुओं का अध्ययन कर रही है। सीएम भी इसे लेकर पहले ही आश्वस्त कर चुके है। भूक़ानून को लेकर पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार के अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। जिसकी रिपोर्ट सरकार को प्राप्त हो गई है। समिति की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए सरकार ने कैबिनेट की सब कमेटी का गठन किया है और उसकी शिफ़ारिश् के बाद यह कानून की शक्ल ले लेगा।
श्री भट्ट ने कहा कि भाजपा बोलने में नहीं कार्य करने में विश्वास रखती है और उत्तराखण्ड में किसी भी प्रकार से ज़मीनों पर कोई भी व्यक्ति अवैध कबजा न कर सके इसके लिए सरकारी भूमि पर एवं निजी भूमि पर क़ब्ज़ा करने वालों को 10 साल की सजा का प्राविधान करने का निर्णय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट द्वारा लिया गया। धामी मंत्रिमंडल द्वारा प्रदेश में बाहरी व्यक्तियों के जमीन ख़रीदारी को सख़्त करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत ज़मीन ख़रीदने वाले व्यक्तियों का सत्यापन अनिवार्य किया गया है। बाहरी व्यक्ति सत्यापन के बाद ही प्रदेश में ज़मीन ख़रीद सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जमीनों की धोखाधड़ी के खिलाफ या अवैध कब्जों को खत्म करने के लिए कानून कार्य कर रहा है। लोगों की सुनवाई हो रही है। उन्होंने कहा की धामी सरकार में भू माफियायों में भय है और 3 हजार एकड़ से भी अधिक भूमि भू माफियाओं के चुंगल से मुक्त करा दी गयी है। प्रदेश के संसाधनों पर हर कुदृष्टि पर कड़ी कार्यवाही सरकार द्वारा की जारही है।