उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने 13 दिसम्बर को संसद मे हुए हमले की उच्च स्तरीय जांच में भाजपा के उस सांसद को भी शामिल करने की मांग की है। जिसके द्वारा जारी विजिटर पास से हमलावरों को प्रवेश दिया गया था। साथ ही उन्होंने भाजपा सांसद की सदस्यता निलम्बित करने की भी मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माहरा ने 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले से इस प्रकरण की तुलना करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद द्वारा एक साजिश के तहत ऐसे लोगों को विजिटर पास जारी किये गये जिनके कृत्य से संसद और सांसदों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई। उन्होंने कहा कि सभी हमलावरों के साथ-साथ भाजपा सांसद के खिलाफ भी संसद पर हमले की साजिश का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
श्री माहरा ने कहा कि भाजपा के राज में न तो देश की सीमायें सुरक्षित हैं,न देश का किसान सुरक्षित है,न महिलाएं सुरक्षित हैं,न नौजवान सुरक्षित हैं और न ही देश में आंतरिक सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि जब-जब देश में आम चुनावों का समय नजदीक आता है। इस प्रकार के षड़यंत्र होने लगते हैं। चाहे 2001 का संसद हमला हो या 2002 का अक्षर धाम हमला,चाहे पुलवामा हमला हो सभी हमले भाजपा सरकार के समय हुए हैं तथा भारतीय जनता पार्टी ने इन हमलों में शहीद हुए जवानों की शहादत को अपना चुनावी हथियार बनाकर अपनी सरकारों की नाकामियों को छुपाने का काम किया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने संसद प्रकरण को देश की आंतरिक सुरक्षा में सेंध बताते हुए गृहमंत्री अमित शाह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब देश की राजधानी और संसद सुरक्षित नहीं है,तो फिर आम आदमी की सुरक्षा का तो भगवान ही मालिक है। संसद की सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस पर है तथा दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है। इस लिए उन्हें संसद पर हुए हमले के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
उन्होंने गृहमंत्री पर तंज कसते हुए कहा ’’तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िला क्यूँ लुटा। मुझे रहज़नों से गिला नहीं तेरी रहबरी का सवाल है’’। उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार जनता को बरगलाने के लिए हिन्दुत्व को खतरे में बताने वाली भाजपा के शासन में पूरे देश को खतरा है।