शुक्रवार को उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जोशीमठ आपदा और पटवारी भर्ती लीक मामले में मुलाकात कर सुझाव देते हुए ज्ञापन सौंपा। दसोनी ने मुख्यमंत्री धामी से आग्रह किया कि दोनों ही मामलों को बहुत ही गंभीरता और संजीदगी से निर्णय लेने की जरूरत है।
उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को बताया कि राज्य में लगातार युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है। उनके सपनों पर कुछ मुट्ठी भर लोग पानी फेरने का काम कर रहे हैं। जिसकी वजह से धीरे-धीरे उनका धैर्य खत्म होता जा रहा है। दसौनी ने मुख्यमंत्री से कहा कि जोशीमठ के लोग आज आपकी तरफ बहुत आशा भरी नजरों से देख रहे।पूरा राज्य आप के अगले कदम को टकटकी भरी निगाहों से देख रहा है। ऐसे में भर्ती परीक्षा में लगातार हो रही धांधली और भ्रष्टाचार से अब प्रदेश का युवा आजिज आ चुका है,उसका विश्वास सरकार की व्यवस्था से उठता जा रहा है। उसे बनाए रखने के लिए पेपर लीक मामले में संलिप्त लोगों पर कठोर से कठोरतम कार्यवाही करनी होगी।
इसी तरह जोशीमठ मामले में स्थानीय जनता को अधिक से अधिक राहत देनी होगी तभी आप उत्तराखंड राज्य की जनता का विश्वास जीत पाएंगे।
उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा पटवारी-लेखपाल परीक्षा लीक मामले में दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापडी ने कहा कि UKPCS द्वारा 8 जनवरी को सम्पन्न कराई गई “पटवारी-लेखपाल परीक्षा” लीक हो चुकी है,जिसमें 5 अभियुक्त पकड़े जा चुके हैं। इसके अतरिक्त 40 के लगभग अभ्यर्थियों की पहचान हुई है जिन्होंने नकल की है।
यह उल्लेखनीय है कि इस पेपर लीक प्रकरण में लोक सेवा आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी संजीव चतुर्वेदी का भी नाम सामने आया है। कथित अधिकारी आयोग के परीक्षा से जुड़े “अतिगोपन विभाग” से सम्बंधित था।
उन्होंने कहा यह अत्यंत चिंताजनक विषय है कि कथित अधिकारी UKPCS में अन्य परीक्षाओं से भी जुड़ा हुआ है। UKPCS के सिलेबस निर्माण से लेकर वर्तमान PCS, Lower PCS, Upper PCS, RO परीक्षा तक मैं उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आयोग के अतिगोपन विभाग के वरिष्ठ कमर्चारी की पेपर लीक में इस प्रकार की संलिप्तता के कारण आयोग द्वारा करवाई जा रही अन्य परीक्षाएं भी संदेह के घेरे में आ गयी है। विभिन्न अभ्यर्थियों द्वारा Lower PCS, PCS, FRO एवं एडवोकेट जनरल RO परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं।
ऐसी स्थिति में लोकसेवा आयोग के परीक्षा से जुड़े प्रत्येक कर्मचारी की समयबद्ध CBI जांच होनी चाहिए। जांच के द्वारा आयोग के उन सभी कर्मचारियों की पहचान भी की जानी चाहिए जो अन्य परीक्षाओं में पेपर लीक कर चुके हैं।
लोकसेवा आयोग की जांच करके यह सुनिश्चित करना होगा कि क्या आयोग की कौन कौन से परीक्षाएं घोटाले के दायरे में आकर प्रभावित हुई है।
इसके अतिरिक्त जांच का परिणाम आने तक आयोग द्वारा करवाई जा रही सभी आगामी परीक्षाएं (जैसे फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा,PCS मेंस परीक्षा) स्थगित करवाई जाएं। इसमें PCS मेंस के एडमिट कार्ड 13 जनवरी को आयोग द्वारा जारी भी कर दिए हैं। ताकि सभी परीक्षाओं की शुचिता एवं निष्पक्षता बनाये रखी जा सके। एवं सभी परीक्षार्थी चिंतामुक्त होकर परीक्षा में भागीदारी करें।
एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा “महिला 30 क्षैतिज आरक्षण” से जुड़ा है। राज्य सरकार द्वारा महिला आरक्षण सुनिश्चित करने हेतू विधेयक पारित किया गया है किंतु PCS मुख्य परीक्षा में बाहरी राज्यों की महिलाओं को भी 30% क्षैतिज आरक्षण में शामिल किया गया है।
ऐसे में जब सर्वोच्च न्यायालय में मामला 7 फरवरी के दिन सुनवाई हेतु लंबित है तो बाहरी राज्य की महिलाओं को मुख्य परीक्षा में क्यों शामिल किया गया है? सरकार एवं आयोग से अनुरोध है कि जब तक महिला आरक्षण ओर सर्वोच्च न्यायालय से अंतिम फैसला राज्य की महिलाओं के हक में नहीं आता, तब तक PCS मुख्य परीक्षा को स्थगित किया जाए। जल्दबाजी में पेपर कराने से आयोग, राज्य की स्थानीय महिलाओं के हितों पर कुठाराघात कर रहा है।
श्री कापड़ी ने कहा पेपर लीक नहीं हुआ है! पूरा का पूरा 360 प्रश्नों का सेट लीक हुआ है! गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं! अब मेंस का सेट बदल भी देते हैं तो क्या खाक अंतर आएगा! हमने तो APRO मेंस में ही देख लिया,कैसे आयोग के कर्मचारी अभ्यर्थियों से परीक्षा हॉल में हाथ मिलाते दिखे।
युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्र भुल्लर ने कहा कि प्रदेश का युवा हताश है निराश है। जिस प्रदेश में लगभग 6 वर्षों से हर सरकारी परीक्षा का पेपर लीक हुआ हो और जब दोबारा सरकार उन परीक्षाओं को कराती है,फिर दोबारा पेपर लीक हो जाता है तो उस प्रदेश में युवाओं की मनोदशा क्या होगी आप समझ सकते हैं।
सरकार युवाओं के भविष्य के लिए बिल्कुल भी संजीदा नहीं है। अगर संजीदा होती तो यूके ट्रिपल एससी के बाद दोबारा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में पेपर लीक की घटना ना होती और जिस अधिकारी द्वारा यह घटना को अंजाम दिया गया है। उसकी देखरेख में लगभग पिछले 3 वर्षों से उत्तराखंड में लोक सेवा आयोग सभी परीक्षाएं करा रहा है। तो आप समझ सकते हैं,युवाओं के साथ कितना बड़ा अन्याय सरकार द्वारा किया गया है।
उन्होंने कहा हम सरकार से मांग करते हैं इस पूरे भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई द्वारा कराई जाए और जल्द से जल्द आपात कालीन सत्र बुलाकर राज्य में नकल विरोधी कानून बनाया जाए। जिसमें आजीवन कारावास की सजा तुरंत गिरफ्तारी और अपराधी की पूरी संपत्ति को कुर्क करने के नियम बने तब जाकर प्रदेश के युवाओं का विश्वास सरकारों की प्रति बना रहेगा।
प्रेस वार्ता के दौरान उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी,महामंत्री राजेंद्र शाह,प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष विनीत भट्ट,उत्तराखंड कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट संदीप चमोली उपस्थित थे।