उत्तराखंड राजभवन में वसंतोत्सव के दूसरे दिन आयोजित हुई सांस्कृतिक संध्या,राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि),माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज ने दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ

0
1842

उत्तराखंड राजभवन में वसंतोत्सव के दूसरे दिन सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि),हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज ने राजभवन में वसंतोत्सव-2023 के दूसरे दिन आयोजित सांस्कृतिक सन्ध्या का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।

इस सांस्कृतिक संध्या में उप्रेती बहनों,ज्योती एवं निरजा उप्रेती का गायन आकर्षण का केन्द्र रहा। उन्होंने अपने गायन से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने वसंत और होली पर आधारित सुंदर गीत प्रस्तुत किए। जिनमें ‘आज बिरज में होली रे रसिया’,‘होली कैसे खेलूं री मैं सांवरिया के संग’,‘उड़ जायेगा रे हंस अकेला,जीवन दो दिन का मेला’ शामिल थे।

वसंतोत्सव सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रमों की श्रृंखला में भातखण्डे संगीत महाविद्यालय की छात्राओं ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किए। उन्होंने कृष्णलीला और होली पर आधारित कथक नृत्य प्रस्तुत किए जिसका उपस्थित दर्शकों ने खूब आनंद लिया।

इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर,हंस फाउंडेशन की प्रमुख माता मंगला एवं भोले जी महाराज,निदेशक उद्यान डॉ.एच.एस बावेजा,निदेशक संस्कृति बीना भट्ट सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

राजभवन में आयोजित वसंतोत्सव में पहुंचे हंस फाउंडेशन की प्रेरणास्रोत माताश्री मंगला जी ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.)एवं प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर का इस कार्यक्रम में आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त करते हुए प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली भारत की सनातन परंपरा का प्रमुख पर्व है,हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि सामाजिक समता,सौहार्द एवं उल्लास का प्रतीक यह पर्व संपूर्ण समाज एवं प्रदेशवासियों के लिए मंगलमय हो।

माताश्री मंगला जी ने कहा कि होली का पर्व हमें अधर्म,असत्य और अन्याय जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों से लड़ने की प्रेरणा देते हैं। होली भारत का एक विशिष्ट सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक त्यौहार है। अध्यात्म का अर्थ है मनुष्य का ईश्वर से संबंधित होना या स्वयं का स्वयं के साथ संबंधित होना है। इसलिए होली मानव का परमात्मा से एवं स्वयं से स्वयं के साक्षात्कार का पर्व है। होली रंगों का त्यौहार है,रंग सिर्फ प्रकृति और चित्रों में ही नहीं हमारी आंतरिक ऊर्जा में भी छिपे होते हैं। हम सब इन रंगों में सेवा के भाव लेकर चलेंगे तो निश्चित तौर पर एक स्वर्णिम भारत का निर्माण होगा। जिसके लिए हम हंस फाउंडेशन के माध्यम से निरंतर सेवा के पथ पर चल रह है।

आपको बता दें कि शुक्रवार को राजभवन परिसर में तीन दिवसीय वसंतोत्सव शुरू हुआ था। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.)एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका उद्घाटन किया था।
इस मौके पर राज्यपाल ने नक्षत्र वाटिका पर बनी लघु फिल्म का विमोचन किया। साथ ही डाक विभाग की ओर से इस साल के लिए चयनित तिमरू के विशेष डाक आवरण का विमोचन और डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था।