
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि)द्वारा राजभवन में उत्तराखण्ड एआई मिशन-2025 की पॉलिसी लॉन्च की गई। राज्यपाल ने कहा कि 21वीं सदी में तकनीक मुख्य भूमिका में है। कोई भी क्षेत्र आज तकनीक से अछूता नहीं है। बिना तकनीक के समावेशी और सतत विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती।
- टेक इंडस्ट्री से जुड़े हुए फाइव बेस्ट स्टार्टअप और तकनीकी संस्थानों के सॉल्यूशन बेस्ट मॉडल को किया गया पुरस्कृत।

इसी को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार तथा उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भी भविष्य की इमर्जिंग तकनीक को आत्मसात करने का बीड़ा उठाया गया है। आज उत्तराखण्ड ए आई मिशन-2025 को लॉन्च करके उत्तराखण्ड भी आधुनिक तकनीक को अपनाकर लोगों की आशा,आकांक्षा और सपनों को साकार करना चाहता है। यह तकनीक दैनिक जीवन की विभिन्न समस्याओं का सैटेलाइट और डाटा का उपयोग करते हुए रियल टाइम आधारित समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने उत्तराखण्ड के संदर्भ में जो बात कही थी कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा, उनके इस विजन को यह आधुनिक ए आई पॉलिसी साकार करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान तकनीक से जुड़ी कुछ चुनौतियां भी हैं जैसे डिजिटल डिवाइडेड तथा स्वास्थ्य और नैतिकता से संबंधित जुड़े हुए मुद्दे। इसी कारण उत्तराखण्ड को नैतिक उत्तरदायी और मानवीय ए आई क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए ताकि एआई का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। समाज का वंचित तबका और दूरस्थ क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीण सभी तक समान रूप से इन आधुनिक तकनीक का लाभ पहुंचना चाहिए।
राज्यपाल ने स्टार्टअप इंडस्ट्री और ऐसे तकनीकी संस्थान जो तकनीक के क्षेत्र में लगातार शोध और अनुसंधान कर रहे हैं और स्टार्टअप के माध्यम से अलग-अलग समस्याओं के प्रभावी समाधान खोज रहे हैं उनसे आह्वान किया कि 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य प्राप्ति में उनकी भी महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ए आई तकनीक पर आधारित इकोसिस्टम के विकास में अत्यधिक ध्यान दिया जा रहा है। उनके द्वारा विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर एआई और डाटा के नैतिक उपयोग तथा इसका समावेशी उपयोग सुनिश्चित करने की लगातार पहल की जा रही है।
इस दौरान सचिव सूचना प्रौद्योगिकी नितेश झा द्वारा उत्तराखण्ड ए आई मिशन-2025 का प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी में भारत सरकार की एआई पॉलिसी का भी अनुसरण किया गया है साथ ही पहाड़ की टोपोलॉजी के अनुसार पॉलिसी बनाई गई है ताकि उत्तराखण्ड की विशेष भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप पॉलिसी फिट हो।उन्होंने ए आई मिशन के उद्देश्यों,रणनीति,प्राथमिक सेक्टर,उसके रोडमैप,क्षमता निर्माण और क्रियान्वयन से जुड़े हुए विभिन्न बिंदुओं को सामने रखा।
कार्यक्रम में टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज द्वारा ग्लोबल डेवलपमेंट्स इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड देयर इंपैक्ट ऑन उत्तराखण्ड विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।
इसके अतिरिक्त पैनल डिस्कशन में ए आई इन हेल्थ केयर-ट्रांसफॉर्मिंग हेल्थ डिलीवरी इन उत्तराखण्ड तथा बिल्डिंग ए हॉलिस्टिक एआई इकोसिस्टम इन उत्तराखण्ड विषय पर भी संबंधित स्टार्टअप टीम द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसके अतिरिक्त 5 बेस्ट स्टार्टअप और 5 बेस्ट तकनीकी संस्थानों के विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं का तकनीक आधारित समाधान से संबंधित इनोवेटिव प्रयासों का प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। जिसकी उपस्थित जन समुदाय द्वारा प्रशंसा की गई।
राज्यपाल द्वारा विभिन्न इंडस्ट्री के 5 स्टार्टअप और तकनीकी संस्थानों के बेस्ट शोध एवं अनुसंधान मॉडल की सराहना करते हुए उनको पुरस्कृत किया गया।
इस दौरान कार्यक्रम में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन,अपर सचिव रीना जोशी व आलोक कुमार पांडेय,महानिदेशक युकास्ट डॉ.दुर्गेश पंत,संयुक्त निदेशक सूचना डॉ.नितिन उपाध्याय सहित संबंधित अधिकारी,टेक इंडस्ट्री और तकनीकी संस्थानों से जुड़े मेंटर और स्टूडेंट उपस्थित थे।

















