Dehradun:-राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया यूपीईएस में हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर लर्निंग एंड लीडरशिप द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन ‘हिमालय कॉलिंग 2025’का उद्घाटन

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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि)ने मंगलवार को यूपीईएस में हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर लर्निंग एंड लीडरशिप (हिल)द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन ‘हिमालय कॉलिंग 2025’का उद्घाटन किया। तीन दिवसीय यह सम्मेलन हिमालय की सांस्कृतिक,पर्यावरणीय और बौद्धिक धरोहर को समर्पित है जिसमें देश एवं विदेश के चिंतक और पर्यावरणविद् चिंतन और मंथन करेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल ने परिसर में हिमालय के उत्पादों पर आधारित लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हिमालय के संरक्षण में ही मानवता और प्रकृति का कल्याण निहित है। आज प्रकृति हमें बार-बार चेतावनी दे रही है-कभी बाढ़ और बादलों के फटने के रूप में,तो कभी बढ़ती गर्मी और प्रदूषण के रूप में। यह संकेत हैं कि जल,जंगल और जमीन की अनदेखी मानवता के लिए संकट बन रही है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई,नदियों का प्रदूषण और कंक्रीट के जंगल हमारे अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहे हैं। हमें यह समझना होगा कि प्रकृति ने जो दिया है,उसे उसी के स्थान पर रहने देना आवश्यक है। हम सभी को इस चेतावनी को समझना होगा,और पौधरोपण,जल संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में पहल करनी होगी।

राज्यपाल ने कहा कि ‘हिमालय कॉलिंग’हिमालय की रक्षा और संरक्षण के लिए हम सभी की सामूहिक प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि हिमालय हमारी धरती और हमारी आत्मा दोनों के संरक्षक हैं। उन्होंने यूपीईएस की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह मंच वैज्ञानिकों,नीति-निर्माताओं,छात्रों और विभिन्न समुदायों को एक साथ लाकर स्थायी समाधान खोजने का प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि हिमालय केवल पर्वत नहीं हैं,बल्कि हमारी जीवन-रेखा हैं। उनकी विशेष भौगोलिक परिस्थितियाँ हमें शोध और अध्ययन का आह्वान करती हैं। आज वैश्विक स्तर पर हिमालय को समझने और संरक्षित करने का प्रयास समय की मांग है। इसलिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को प्राप्त करने की दिशा में हिमालय की रक्षा करना मानवता की साझा जिम्मेदारी है।

इस अवसर पर यूपीईएस के कुलपति डॉ.राम शर्मा ने कहा कि “हिमालय कॉलिंग एक जीवंत कक्षा है,जहाँ वैज्ञानिक,नवप्रवर्तक,कलाकार,नीति-निर्माता और समुदाय एक साथ मिलकर शोध को व्यवहार में बदल रहे हैं और सतत विकास के लक्ष्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। हमें गर्व है कि यूपीईएस इस पहल को दिशा दे रहा है और अपने छात्रों को उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व के लिए तैयार कर रहा है।”

सम्मेलन में यूपीईएस के चेयरमैन प्रो.सुनील राय ने उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया। हिल के निदेशक डॉ.जे.के.पांडेय ने कहा कि “इस वर्ष हमारा ध्यान समाधान-प्रधान दृष्टिकोण पर है। हम शोध को सामुदायिक ज्ञान से जोड़ रहे हैं,हिमालयी उत्पादों और फोटोग्राफी को प्रदर्शित कर रहे हैं और गोलमेज संवाद के माध्यम से दीर्घकालिक सहयोग की नींव रख रहे हैं। हमारा उद्देश्य युवाओं को यह समझाना है कि हिमालय कोई समस्या नहीं,बल्कि एक साथी है,जिसका सम्मान और पुनर्जीवन आवश्यक है।

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