
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि)से मंगलवार को राजभवन में उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो.नवीन चन्द्र लोहनी ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रो.लोहनी को कुलपति पद की जिम्मेदारी ग्रहण करने पर शुभकामनाएं दीं और अपेक्षा व्यक्त की कि वे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, गुणवत्ता तथा अनुसंधान को प्रोत्साहित करते हुए विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।

राज्यपाल ने कहा कि दूरवर्ती व ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना मुक्त विश्वविद्यालय की प्रमुख भूमिका है और इस दिशा में ठोस प्रयास होने चाहिए।
इसी के साथ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय,पंतनगर के कुलपति डॉ.मनमोहन सिंह चौहान ने भी मुलाकात की। इस अवसर पर कुलपति ने राज्यपाल को कॉफी टेबल बुक ‘‘महिला सशक्तीकरण के माध्यम से उत्तराखण्ड में शहद क्रांति’’भेंट की,जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में पिछले एक वर्ष में किए गए शोध,प्रशिक्षण और ग्रामीण महिलाओं की सहभागिता के बारे में जानकारी दी गई है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड का प्राकृतिक वातावरण और जैव विविधता मधुमक्खी पालन के लिए बहुत ही उपयुक्त है। ऐसे में,राज्य की महिलाओं को इस कार्य से जोड़ना न सिर्फ उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मदद करेगा,बल्कि उन्हें और अधिक सशक्त बनाएगा। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखण्ड में करीब 12 हजार मीट्रिक टन शहद का उत्पादन होता है,जबकि हमारे राज्य में इसकी क्षमता 40 से 60 हजार मीट्रिक टन तक बढ़ाई जा सकती है। इससे यह साफ है कि मधुमक्खी पालन में अभी और आगे बढ़ने की बड़ी संभावना है।
राज्यपाल ने कहा कि यहाँ के शहद में विशेष औषधीय गुण हैं जो शोध में साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि मौन पालन के क्षेत्र में एक क्रांति लाए जाने की आवश्यकता है, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम प्राप्त होगा और सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में ठोस प्रगति सुनिश्चित हो सकेगी।