सामाजिक-सांस्कृतिक एवं पत्रकारिता के पटल में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर रहे सूर्य प्रकाश सेमवाल को राज्यसभा भेजने की मांग!

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उत्तराखंड में राज्यसभा की 3 में से एक सीट 4 जुलाई को खाली होने जा रही है। इस सीट पर अभी कांग्रेस नेता प्रदीप टम्टा राज्यसभा सांसद हैं। वर्तमान परिस्थितियों को देखा जाए तो इस सीट पर इस बार बीजेपी की जीत लगभग तय मानी जा रही है। क्योंकि उसके पास उत्तराखंड में 70 में से 47 विधायकों का बहुमत है। कांग्रेस के पास 19,बसपा के पास 2 और 1 निर्देलीय विधायक है। ऐसे में माना जा रहा हैं कि इस सीट पर बीजेपी विजय हो सकती है। इस सीट के लिए 31 मई तक नामांकन किया जाना है।

इस सब के बीच राज्यसभा की इस सीट के लिए कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे है। जिनमें उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत,चंपावत से मुख्यमंत्री के लिए सीट छोड़ने वाले कैलाश गहतोड़ी, पूर्व दायित्वधारी ज्योति गैरोला,केंद्रीय एससीएसटी आयोग की सदस्य रह चुकी स्वराज विद्वान के नाम शामिल है।

इन सब नामों के बीच उत्तराखंड के तमाम सामाजिक एवं सांस्कृति संगठन देशभर में सामाजिक,सांस्कृतिक एवं पत्रकारिता के पटल में पहाड़ का प्रतिनिधित्व कर रहे सूर्य प्रकाश सेमवाल को राज्यसभा भेजने का समर्थन कर रहे है। इन संगठनों की मांग हैं कि टिहरी के विकास के लिए प्रतिबद्ध और उसके अधिकार के लिए दशकों से आवाज उठाने वाले भिलंगना घाटी के रहने वाले सूर्य प्रकाश सेमवाल को बीजेपी को राज्यसभा भेजना चाहिए। क्योंकि पहाड़ के इस नौजवान ने देशभर में सामाजिक,सांस्कृतिक एवं पत्रकारिता के पटल पर जो भूमिका निभाई है। वह निश्चित तौर पर उत्तराखंड खासतौर पर टिहरी के प्रतिनिधित्व को नयी सोच के साथ विस्थापित कर सकता है।

उत्तराखंड के टिहरी जिले की घनसाली विधानसभा और भिलंगना घाटी में घुत्तू पंवाली मार्ग पर स्थित ऋषिधार गांव में 24 जून 1972 को जन्में सूर्य प्रकाश सेमवाल के पिता नत्थीलाल सेमवाल शास्त्री एक कथाव्यास,भाषा-शिक्षक और ग्राम प्रधान थे। बाद में पिता भारतीय सेना में धर्म शिक्षक हो गए। मां श्रीमती मायादेवी सामान्य गृहणी थीं। श्री सेमवाल ने 1986 में इंद्रमणि बडोनी की अध्यक्षता वाले प्रबंधन विद्यालय श्री नवजीवन आश्रम घुत्तू भिलंग से 10वीं पास की। जिसके बाद आगे की शिक्षा के लिए वह दिल्ली आ गए और यहां से उन्होंने सरकारी विद्यालय में 12वीं और फिर स्नातक,एम.ए,एम.फिल और पीएच.डी. की,इस दौरान तमाम सामाजिक संगठनों और संस्थाओं के माध्यम से सूर्य प्रकाश सेमवाल निरंतर पहाड़ की लोक संस्कृति और लोक परिवेश को उकेरते रहे। उनकी उपलब्धियों की बात करें तो,उसमें कई महत्वपूर्ण अध्याय जुड़े है।मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवन चंद्र खंडूरी के नेतृत्व में उत्तरांचल संघर्ष समिति के बैनर तले पृथक राज्य आन्दोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई

सामाजिक रूप से विश्व में बच्चों के सबसे पुरानी संस्था बाल्कन जी बारी इंटेरनेश्नल में कार्यरत रहे।

दिल्ली में छात्र जीवन से उत्तरांचल संघर्ष समिति के माध्यम से उत्तराखंड आंदोलन में भागीदारी की और दिल्ली भाकपा उत्तरांचल प्रकोष्ठ के संगठन मंत्री का दायित्व निभाया

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारका जिला में संपर्क प्रमुख,बौद्धिक प्रमुख  और प्रचार प्रमुख के दायित्व के बाद वर्तमान में समरसता प्रकल्प में संयोजक है

1996 से 98 तक पांचजन्य में वरिष्ठ उपसंपादक और फिर 2014 से 2016 तक सहायक संपादक के पद पर रहे

विश्व हिंदू परिषद के संस्कृत विभाग में राष्ट्रीय संगठन मंत्री का दायित्व निभाया

भाजपा हिमालय परिवार में राष्ट्रीय प्रभारी और दिल्ली भाकपा शिक्षा प्रकोष्ठ में मीडिया प्रमुख भी रहे

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहने के बाद भारत विकास परिषद से जुडाव और सम्प्रति पंचनद शोध संस्थान में पश्चिम दिल्ली प्रभारी का दायित्व निभाया

डॉ.मुरली मनोहर जोशी अमृतोत्सव अभिनंदन समिति के महासचिव रहे

भाजपा मुख्यालय में पार्टी के थिंक टैंक डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी फाउंडेशन में सहायक निदेशक रहे

संघ के राष्ट्रीय प्रचार विभाग में 2019 से 2021 तक वरिष्ठ शोध संपादक के रूप में कार्य किया

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में सलाहकार का दायित्व

सूर्य प्रकाश सेमवाल ने अपनी जन्मभूमि टिहरी में बांध के ऊपर से सार्वजनिक मार्ग। उत्तराखंड मूल के युवाओं के लिए आयु बढ़ाने का अभियान,खतलिंग महायात्रा को मान्यता दिलाने के प्रयास किए

दिल्ली में उत्तरायणी पर्व को पहाड़ का सर्वस्वीकर्य पर्व बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इसी के साथ विभिन्न चुनावों में भाजपा के मंडल,जिला,प्रांत से लेकर मुख्यालय तक कार्यक्रम संचालन और विभिन्न राज्यों में निगम,विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनावों में पूर्ण सहभागिता की

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा कार्यालय और मीडिया प्रभारी प्रो.रामकृपाल सिन्हा के अधीन संबित पात्रा,श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह जैसे युवा भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मीडिया कंटेन्ट का निर्माण किया।

उत्तराखंड बनने के बाद 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में और 2007 में घनसाली से भारतीय जनता पार्टी के प्रबल दावेदार रहे।

सूर्य प्रकाश सेमवाल निस्वार्थ भाव से टिहरी की आवाज को बुलंद कर रहे है। भारतीय गांवों और हिमालयी राज्यों की संस्था पर्वतीय लोक विकास समिति के माध्यम से उत्तराखंड मूल के अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा 42 वर्ष करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सूर्य प्रकाश सेमवाल दिल्ली सहित पूरे देश में पहाड़ के प्रवासी समाज में लोकप्रिय है। यही वजह भी हैं राज्यसभा सीट पर श्री सेमवाल के नाम को लेकर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और संगठन उनके साथ खड़ा दिख रहा है। इसी के साथ उत्तराखंड के तमाम सामाजिक संगठन भी सूर्य प्रकाश सेमवाल को राज्यसभा भेजने के लिए निरंतर बीजेपी और संगठन से निवेदन कर रहे है।

इस लिए कह सकते हैं कि उत्तराखंड के सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश के लिए हमेशा समर्पित रहने वाले सूर्य प्रकाश सेमवाल का नाम यदि भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा के लिए आगे बढ़ाती है  तो,निश्चित तौर पर श्री सेमवाल अपने अनुभव और कार्यशैली के बल पर पहाड़ के युवाओं और पहाड़ के जनमानस के लिए नई ज़मीन तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।