
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत आहत है। विधानसाभ चुनाव के दौरान उन पर विरोधियों ने कई तरह के आरोप लगाए। जिसमें एक मुद्दा था ‘मुस्लिम यूनिवर्सिटी’ का,जिसे लेकर भारतीय जनात पार्टी ने हरीश रावत को खूब घेरा। इस मुद्दे ने उत्तराखंड में कांग्रेस की हार में बड़ी भूमिका निभाई।

मुस्लिम यूनिवर्सिटी और तमाम दूसरे मुद्दों को लेकर विरोधियों ने हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत पर कई आरोप लगाए। जिसको लेकर हरीश रावत का कहा हैं कि यह सभी मुद्दे झूठ और हमें बदनाम करने की साजिश थी। जिसे लेकर अब इन मामलों पर हरीश रावत और उनकी बेटी अनुपमा रावत ने एफआईआर दर्ज कर दी है।
इन तमाम मुद्दों को लेकर हरीश रावत ने कहा हैं कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रसंग को मैं अपनी ओर से यहीं समाप्त करना चाहता हूं। एक बात स्पष्ट है कि कुछ ताकतें मुझको केवल मुस्लिम परस्त सिद्ध करना चाहती हैं और दूसरी बात यह भी सिद्ध है कि कुछ ताकतों को इस बार लगा कि कांग्रेस ने व्यूह रचना की है। उस व्यूह रचना में सफल होने जा रही हैं,तो उन ताकतों को यह लगा कि बिना कोई मुस्लिम अस्त्र खोजे उनकी नैया पार नहीं हो सकती है, इसलिए मुस्लिम अस्त्र उन्हीं का गढ़ा हुआ है, मैंने जो एफआईआर दर्ज करवाई हैं,उससे भी स्पष्ट है कि नकली अखबार और झूठा समाचार छपाकर किस प्रकार से उसको भाजपा के सोशल मीडिया के सिपाहियों से लेकर के उनके शीर्ष सिपाहियों ने भी उस अस्त्र का उपयोग हमारी व्यूह रचना को ध्वस्त करने और हरीश रावत की राजनीति ध्वस्त करने के लिए किया।
मैं राजनीति में जिंदा रहूं या न रहूं! मगर मैं मानवता परस्त हूं, मैं किसी जाति धर्म परस्त नहीं हूं और मेरा धर्म,जिस पर मुझे अटूट विश्वास है। वह भी वसुधैव कुटुंबकम कहता हैं,और अब वही ताकतें मेरी बेटी की राजनीति पर भी ग्रहण लगाने के लिए झूठ का सहारा ले रही है। मेरी बेटी ने भी एक एफआईआर दर्ज की है जिसमें उन्होंने शिकायत की है कि किस तरीके से एक झूठा बयान गढ़ कर कहां जा रहा हैं,उन्होंने कहा कि मैं केवल मुसलमानों के वोट से जीती हूं।
वह सर्व समाज के आशीर्वाद से जीती हुई बेटी है और हरिद्वार ग्रामीण के सर्व समाज ने उसे अपनी बेटी मानकर विधायक का दायित्व सौंपा है और वह उसको निष्ठा पूर्वक निभाएंगी इसका मुझे भरोसा है।