प्रातःउदयकालिक अक्षय तृतीया में खुले माँ गंगोत्री धाम के कपाट,श्रद्धालु ऑनलाइन कर सकेंगे दर्शन

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वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते कोविड कर्फ्यू का पालन करते हुए विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज बैशाख शुक्ल तृतीया के शुभ मुहुर्त पर पूरे विधि विधान के साथ खोले गए। यह दूसरी बार हुआ हैं जब सिर्फ हकहकूकधारी, पंडा पुरोहित, कर्मचारी व अधिकारियों की मौजूदगी में बिना श्रद्धालुओं के मां गंगा के कपाट खोले गए।  इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन किया गया। कपाटोद्घाटन पर गंगोत्री धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा भेंट स्वरूप प्रदान किए गए 1101-1101 रुपये से पूजा अर्चना करवाई गई और  जल्द देश से कोरोना संक्रमण समाप्ती की याचना की।

गंगोत्री धाम में मां गंगा की उत्सव डोली सुबह 6:30  बजे भैरव मंदिर से गंगोत्री धाम पहंची। जहां पर तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मन्त्रोचरण,गंगा सह्रसनाम पाठ, गंगा लोरी सहित विशेष पूजा अर्चना करते हुए मां गंगा की भोगमूर्ति को दर्शनार्थ स्थापित किया। गंगोत्री धाम में कपाट उद्घाटन में पिछली बार की तरह भी इस बार भी एक भी श्रद्धालु मौजूद नहीं था। मंदिर प्रांगण में 25 तीर्थ पुरोहित और पुलिस प्रशासन मां गंगा के कपाटोद्घाटन के साक्षी बने।

गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के अवसर पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत  ने सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि विश्वप्रसिद्ध हिमालयी धाम गंगोत्री के कपाट आज शनिवार को निर्धारित मुहूर्त पर सुबह 7.31 बजे विधि विधान एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ खोले गए। बैशाख शुक्ल तृतीया की शुभ बेला में गंगोत्री मंदिर का कपाटोद्घाटन हुआ। कोरोना संक्रमण को देखते हुए केवल तीर्थ पुरोहित और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में ही धाम के कपाट खोले गए। आज से तीर्थ पुरोहित सीमित संख्या में गंगोत्री मंदिर में नियमित रूप से मां गंगा की पूजा अर्चना करेंगे। कोरोना संक्रमण के बीच जन स्वास्थ्य को सर्वोपरि रखते हुए फिलहाल चारधाम यात्रा स्थगित की गई है। मेरी मां गंगा से प्रार्थना है कि कोरोना महामारी से सभी को सुरक्षित रखने के लिए अपना आशीर्वाद बनाए रखें। मानव जाति को जल्द से जल्द कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिले। हमारा देश और प्रदेश फिर से प्रगति की राह पर अग्रसर हो सके। कोरोना के इस संकटकाल में घर पर रहकर ही मां गंगा की पूजा-अर्चना करें। पतित पावनी मां गंगा सबका कल्याण करें। जय मां गंगे!