
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि)गुरूवार को हरिद्वार में आयोजित अखिल विश्व गायत्री परिवार के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। समारोह में राज्यपाल ने अखिल विश्व गायत्री परिवार और देव संस्कृति विश्वविद्यालय की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान केवल शैक्षणिक केंद्र नहीं,बल्कि आधुनिक गुरुकुल है,जहाँ शिक्षा को साधना माना जाता है।

उन्होंने कहा कि हरिद्वार की यह तपोभूमि और माँ गंगा की गोद संकल्प,साधना और लोक कल्याण की ऊर्जा का स्रोत है। उन्होंने डॉ.चिन्मय पण्ड्या जी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अध्यात्म और आधुनिकता के अद्भुत समन्वय द्वारा समाज को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि अखंड ज्योति केवल एक दीप नहीं है। यह अखंड भारत की भावना,धर्म-जागरण की चेतना और भारत के आध्यात्मिक तत्व का जीवंत प्रतीक है। इसकी ज्योति हमें सत्य, नैतिकता और एकता का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि हम बदलेंगे,युग बदलेगा यह केवल नारा नहीं,समाज को भीतर से परिवर्तित करने वाला प्रेरक मंत्र है।
उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार की सेवा-केन्द्रित कार्यशैली हरिद्वार और उत्तराखण्ड के लिए एक आदर्श मॉडल है। राज्यपाल ने कहा कि गायत्री परिवार ने समाज में नैतिक उन्नयन, सेवा और स्वच्छता की जो संस्कृति विकसित की है,वह राष्ट्र-निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है। राज्यपाल ने सभी स्वयंसेवकों की निष्ठा,अनुशासन और कार्य-भावना की विशेष सराहना की।
समारोह के अध्यक्ष जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम जी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति की जड़ें गुरु-शिष्य परंपरा में हैं। गुरु कुम्हार है और शिष्य कुंभ।गुरु बाहर से थपकी और भीतर से सहारा देकर जीवन को आकार देता है। माता-पिता,गुरु और ईश्वर,ये सनातन संस्कृति की एक ही धारा हैं।
शताब्दी समारोह में डॉ.चिन्मय पंड्या ने कहा कि विश्व समुदाय के लिए शताब्दी वर्ष सौभाग्य की त्रिवेणी का अद्भुत संगम लेकर आया है। उन्होंने कहा कि वंदनीया माताजी समाज में नारी-जागरण और नारी-स्वाभिमान की प्रेरक शक्ति रहीं। माताजी ने नारी को परिवार और समाज की आधारशिला के रूप में देखा।
इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक,उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह,राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान डीएम मयूर दीक्षित,एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल,व्यवस्थापक योगेंद्र गिरि,आदित्य कोठारी,शिक्षाविद सहित जिला प्रशासन के अनेक अधिकारी,सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार गण उपस्थित रहे।
















