
उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय के नवीन पुस्तकालय एवं नवीन वेबसाइट का लोकार्पण राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने किया। इस दौरान लोकार्पण का कार्यक्रम ऋतु खण्डूडी भूषण की अध्यक्षता हुआ जिसमे मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह और विशिष्ट अतिथि उपस्थित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पौधा भेंट किया और संविधान की प्रति भेंट की।
आपको बता दे पिछले वर्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने अध्यक्ष बनने के अपने शुरुवाती दिनों में ही विधानसभा भवन का निरीक्षण किया था उन्होंने विधानसभा के पुस्तकालय का भी निरक्षण किया था पुस्तकालय की जर्जर हालत देख कर उन्होंने चिंता व्यक्त की थी और उन्होंने पुस्तकालय को भव्य रूप देने का जिम्मा उठाया था साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की वेबसाइट को अद्यावधिक करने का निश्चय किया था।
इन्ही विषयों को प्राथमिकता से लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा सचिवालय के नवीन पुस्तकालय का निर्माण करवाया और सचिवालय की नवीन वेबसाइट को एनआईसी की मदद से बनाया गया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा की विधान सभा उत्तराखण्ड के लिए आज बहुत ही ऐतिहासिक व गौरवशाली पल है। उन्होंने कहा की इस पुस्तकालय की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पुस्तकालय मॉडर्न पुस्तकालय है व इसमें पुस्तके कागजी रूप के साथ-साथ डिजिटल फॉर्म में भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा की ई लाइब्रेरी के माध्यम से अब सभी विधान सभा के सदस्य व पूर्व सदस्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के किसी भी कौने में बैठ कर पढ़ सकते है,यह एक सार्थक शुरूआत हुई है। उन्होंने कहा की 25000 पुस्तकों की क्षमता वाला यह नया पुस्तकालय प्रदेश को समर्पित हुआ है। पहले इसकी क्षमता मात्र 5000 पुस्तकों की थी।
उन्होंने कहा की भविष्य में विधान सभा सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों को E-library के माध्यम से देश की अन्य विधान सभाओं की लाइब्रेरी व संसद की लाइब्रेरी से भी जोड़ा जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा की विधान सभा की नई वेबसाइट के माध्यम से ई-विधानसभा के परिपेक्ष में सदन की कार्यवाही, विधेयक व गजट आदि से सम्बन्धित रिकॉर्ड्स सभी पारदर्शित के साथ प्रदेश की जनता के समक्ष उपलब्ध रहेंगे। यह भी उल्लेखनीय है की विधानसभा सचिवालय की नवीन वेबसाइट के डिजाइन में भारत सरकार के उपक्रम एनआईसी द्वारा भी अपने महती भूमिका निभाई है जिसकी विधानसभा अध्यक्ष ने सराहना की है।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष की इस पहल की सराहना की ओर उन्होंने कहा की विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा भवन के भीतर विद्या की देवी सरस्वती की पूजा हेतु भव्य पुस्तकालय का निर्माण करवाया है। उन्होंने पुस्तकालय को निजी तौर पर 108 पुस्तके दान करने की घोषणा की।
उन्होंने वेसबाइट की सराहना करते हुए आम आदमी को विधानसभा से जोड़ने के लिए इस पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा की वेबसाइट के माध्यम से आम जनता को विधानसभा की कार्रवाई और विधानसभा के विषयों की जानकारी मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा में नवनिर्मित पुस्तकालय के लोकार्पण एवं नवीन वेबसाइट लांच होने से यहां पर संसदीय परंपराओं के ज्ञान एवं अन्य महत्वपूर्ण आवश्यक जानकारियों के लिए विधानसभा में लोगों को एक ऐसा स्थान मिल गया है, जहां पर ज्ञान वर्द्धन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में इस पुस्तकालय के माध्यम से सभी निर्वाचित सदस्य अपनी संसदीय समस्याओं के समाधान के साथ ही संसदीय परंपराओं एवं सदन के भीतर होने वाली कार्यवाहियों की बारीक से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। विधानसभा में पुस्तकालय की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूड़ी भूषण का आभार व्यक्त किया। संसदीय परंपराओं एवं ज्ञान पर आधारित पुस्तकों का समावेश इस पुस्तकालय में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तकों के माध्यम से नियमित तरीके से अध्ययन करने की आदत सभी की होनी चाहिए। पुस्तकें हमारे दिमाग के लिए खुराक का कार्य भी करती हैं। उलझनों को सुलझाने में भी पुस्तकें अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों से कार्यसूची के अनुसार सदन की कार्यवाही की जानकारियां एवं पुराने अभिलेखों से अनेक लोगों का मार्गदर्शन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज शैक्षिक सुविधाओं के विस्तार और साक्षरता की उच्च दर से समाज में सभी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर परिवर्तन आया है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विधानसभा में एक अच्छे पुस्तकालय की जरूरत काफी समय से महसूस हो रही थी। उन्होंने बेहतर पुस्तकालय की व्यवस्था के लिए विधानसभा अध्यक्ष के प्रयासों की सराहना की। पुस्तकें मानवीय मूल्यों की धरोहर है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं राज्य आन्दोलनकारियों के देश एवं प्रदेश के योगदान की जानकारी भी लोगों को मिले। इन महानुभावों के जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तकों का समावेश भी पुस्तकालय में होना चाहिए।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल,सुबोध उनियाल,डॉ.धन सिंह रावत,सभापति पुस्तकालय समिति शहजाद सहित अनेक विधायकगण,उच्चाधिकारी एवं विधानसभा के अधिकारी,कर्मचारी उपस्थित रहे।