
उत्तराखंड के राजनैतिक पटल से दुःखद खबर आ रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर का आकस्मिक निधन हो गया है। वह 75 वर्ष के थे। उनके आकस्मिक निधन से उत्तराखंड की राजनीति को गहरा आघात पहुंचा है। हरबंस कपूर के निधन की खबरे मिलते ही,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके आवास पहुंच कर शोक संवेदना प्रकट की।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अपने शोक संदेश में कहा हैं कि आज प्रातः विधानसभा में मेरे वरिष्ठ सहयोगी एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आदरणीय श्री हरबंस कपूर जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। मृदुभाषी श्री कपूर ने हमेशा सादगी के साथ जीवन जिया।
राजनैतिक मूल्यों को आत्मसात करते हुए वह अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा मुखर रहे। लगातार 8 बार विधानसभा का चुनाव जीतना उनकी लोकप्रियता को साबित करता है।
मैं ईश्वर से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और उनके परिजनों, समर्थकों और शुभचिंतकों को इस दुःख की घड़ी में शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।
आपको बता दें कि हरबंस कपूर चार बार उत्तर प्रदेश से और चार बार उत्तराखंड विधानसभा के विधायक रहे। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सेंट जोसेफ्स अकादमी देहरादून से की और लॉ से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। हरबंस करूप 1989 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से सदस्य के रूप में देहरादून निर्वाचन क्षेत्र से शामिल हुए। उसके बाद उन्होंने जीत का जो सिलसिला शुरू किया, वह अब तक कायम रहा था। उन्होंने 2002 में नए राज्य उत्तराखंड के पहले चुनाव में भी अपनी जीत को बनाए रखा और शुरुआत के बाद सभी चुनावों में अपनी जीत का क्रम जारी रखा। 2007 में उन्हें सर्वसम्मति से उत्तराखंड विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। वह उत्तराखंड में बीजेपी के सबसे पुराने नेताओं में से एक थे। उनके जाने से उत्तराखंड बीजेपी को बड़ा झटका लगा है।
हरबंस कपूर ने निधन पर राज्यपाल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह,नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह,पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत,त्रिवेंद्र सिंह रावत,तीरथ सिंह रावत,विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गहरा शोक व्यक्त किया