
उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पर अब असीमित संख्या में श्रद्धालु जा सकेंगे। उत्तराखंड हाइकोर्ट ने चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने चारों धाम में प्रतिबंध के साथ यात्रियों की निर्धारित से अधिक को जाने व दर्शन करने पर लगी रोक को हटा दिया है।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब चारों धामों में श्रद्धालु असीमित संख्या सकेंगे। कोर्ट ने साफ किया कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद राज्य सरकार,तीर्थ पुरोहित और व्यवसायियों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के बाद देहरादून वापस आकर प्रेस वार्ता की। मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे कोविड गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए चार धाम के लिए जारी की एसओपी का पूरा पालन करें। यात्रा पर निकलने से पहले अपने सभी जरूरी दस्तावेज और कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को साथ अवश्य लाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय न्यायालय ने चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन निर्धारित सीमा को हटा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि यात्रा भी चलती रहे और यात्रियों की सुरक्षा भी रहे, इसके लिए कोविड गाइड लाइन के तहत यात्रा को सकुशल संपन्न कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा को लेकर जो भी दिक्कतें हैं उन्हें जल्द दूर करने हेतु निर्देश दे दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यो की जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 30 अक्टूबर तक श्री शंकराचार्य जी की समाधि का काम पूरा हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ धाम के लिए 409 करोड़ के कार्य प्रस्तावित हैं जिनमें 225 करोड़ का कार्य पूरा हो गया है, जबकि फेज 2 में 114 करोड़ का कार्य निर्माणाधीन है। इसी तरह से बदरीनाथ धाम के लिए 245 करोड़ के कार्य प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री श्री धामी ने जानकारी देते हुए बताया कि चारों धामों हेतु पुनर्निर्माण एवं सौंदर्यीकरण हेतु 708 करोड़ रुपए के कार्य गतिमान और प्रस्तावित हैं।