रविवार को आगरा के आई.टी.पार्क मैदान,शास्त्रीपुरम में आध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्था हंस ज्योति के तत्वावधान विशाल सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु एवं संत-महात्मा पहुंचे। जिन्होंने श्री भोले जी महाराज एवं माताश्री मंगला के सारगर्भित प्रवचनों को सुना। इस मौके पर भजन गायकों द्वारा सत्संग,ज्ञान और गुरु महिमा से जुड़े भजन भी प्रस्तुत किए गए।
आगरा में आयोजित इस विशाल सत्संग समारोह में प्रदेश के विभिन्न भागों से आए श्रद्धालु-भक्तों को संबोधित करते हुए माताश्री मंगला जी ने कहा कि मनुष्य के अंदर असंतोष,ईर्ष्या,लोभ,क्रोध,अहंकार रूपी रोग के जो लक्षण हैं। इससे मुक्ति पानी होगी,साथ ही अहंकार के चक्रव्यूह को तोड़ कर,सर्वप्रथम मन-प्राण से नम्रता,समर्पण और त्याग की सीढ़ी पर पांव रखना होगा और जीवन में ऊँचा उठने के लिए अपने अंदर के अहंकार को निकाल कर स्वयं को हल्का करना होगा।
माताश्री मंगला जी ने कहा कि जब रामचंद्र जी रावण को मारकर अयोध्या पहुंचे तो माता कौशल्या ने रामचंद्र से प्रश्न किया कि रावण को किसने मारा पुत्र? तो रामजी ने कहा माँ,मैंने रावण को नहीं मारा,रावण को तो ‘मैं’ ने मारा अर्थात् रावण को अहंकार ने मारा। इस लिए विचार कीजिए सर्वशक्तिमान और अनेक विद्याओं का ज्ञाता रावण का अहंकार नहीं चला तो फिर मनुष्य का कैसे चलेगा। इस लिए व्यक्ति को जीवन में हमेशा विनम्रता का स्वभाव बनाए रखना चाहिए।
द हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत परमपूज्य श्री भोले जी महाराज एवं माताश्री मंगला जी ने समारोह में उपस्थित श्रद्धालु-भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब-जब समाज में अज्ञानता,अधर्म, अन्याय तथा अत्याचार बढ़ने लगते हैं तब-तब धराधाम पर संत-महापुरुषों का प्रकटीकरण होता है। जो मनुष्य को अच्छे मार्ग पर चलने के लिए ज्ञान प्रदान करते है।
माताश्री मंगला जी ने आगरा में इस भव्य सत्संग आयोजन के लिए सभी भक्त-संत-महात्मों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज हम जो भी ज्ञान प्रचार और मानव सेवा के कार्य कर पा रहे हैं यह सब हमारी पूज्य श्रीमाता जी एवं श्री हंस जी महाराज जी का आशीर्वाद का ही फल है। उन्होंने कहा कि श्री हंस जी महाराज के नाम पर द हंस फाउंडेशन द्वारा उत्तराखण्ड एवं देश के विभिन्न राज्यों में जरूरतमंद लोगों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने श्री हंस जी महाराज से प्रार्थना करते हुए कहा कि वे अपना आशीर्वाद हमेशा हम सब पर बनाए रखें ताकि हम उनके दिखाए मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ते रहें।
इस मौके पर परमपूज्य श्री भोले जी महाराज ने कहा कि भगवान का नाम प्रत्येक मनुष्य के हृदय में मौजूद है,लेकिन उसका ज्ञान नहीं होने के कारण वह संसार में भटक रहा है। भगवान के सच्चे नाम का ज्ञान सदगुरु महाराज कराते हैं। उन्होंने,जीवन है बेकार भजन बिन दुनिया में भजन प्रस्तुत कर लोगों को भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
इस विशाव समारोह में भजन गायकों एवं अन्य प्रेमी भक्तों ने सत्संग,ज्ञान,भक्ति एवं गुरु महिमा से जुड़े भजन भी प्रस्तुत किये।