देहरादून भारतीय सैन्य अकादमी में शनिवार को पासिंग आउट परेड सादगी से आयोजति हुई। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के निधन के चलते इस समारोह को सादगी के साथ मनाने का फैसला हुआ था। सीडीएस जनरल बिपिन सिंह रावत के निधन के चलते आईएमए में कई कार्यक्रम रद्द हुए वहीं, पासिंग आउट परेड से दौरान इस बार ऐतिहासिक आईएमए चैटवुड बिल्डिंग पर तिरंगा शोक में आधा झुका रहा।
इस बार पासिंग आउट परेड में 387 नए जेंटलमैन कैडेट्स शामिल हुए। इनमें से 68 अधिकारी मित्र देशों के हैं जबकि देश को 319 नए अफसर मिले। पासिंग आउट परेड में सबसे अधिक उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश मूल के कैडेट पास आउट हुए। उत्तराखंड के 43 और उत्तर प्रदेश के 45 कैडेट्स पास आउट हुए। इसके साथ ही राजस्थान से 23,हरियाणा से 34, बिहार से 26, और पंजाब के 22 कैडेट पास आउट हुए। 8 मित्र देशों के 68 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट होकर अपने देश में सैन्य अधिकारी के तौर पर शामिल हुए।
पासिंग आउट परेड के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद रहे। नए रंगरूटों ने तीनों सेना के प्रमुख राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। समारोह के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह भी मौजूद रहे। महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बतौर रिव्यु ऑफिसर परेड का निरीक्षण किया।
देहरादून स्वॉर्ड ऑफ ऑनर का प्रतिष्ठित पुरस्कार एसीए अनमोल गुरुंग को प्रदान किया गया।
• जेंटलमैन कैडेट को मेरिट के क्रम में प्रथम स्थान पर रहने के लिए स्वर्ण पदक एसीए अनमोल गुरुंग को प्रदान किया गया।
• मेरिट के क्रम में दूसरे स्थान पर रहे जेंटलमैन कैडेट के लिए रजत पदक बीओ तुषार सपरा को प्रदान किया गया।
• मेरिट के क्रम में तीसरे स्थान पर रहे जेंटलमैन कैडेट के लिए कांस्य पदक बीसीए आयुष रंजन को प्रदान किया गया।
• तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम से मेरिट के क्रम में प्रथम आने वाले जेंटलमैन कैडेट के लिए रजत पदक जीसी कुणाल चौबीसा को प्रदान किया गया।
• ऑटम टर्म 2021 के लिए 16 कंपनियों के बीच ओवरऑल फर्स्ट खड़े रहने के लिए केरेन कॉय को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर से सम्मानित किया गया।
• विदेशी जीसी से मेरिट के क्रम में पहले स्थान पर रहने वाले जेंटलमैन कैडेट के लिए बांग्लादेश पदक बीओ सांगे फेनडेन दोरजी (भूटान) को प्रदान किया गया। इस पदक और बांग्लादेश ट्रॉफी की स्थापना इसी कार्यकाल से स्वर्णिम विजय वर्ष की स्मृति में की गई है।