उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन वैदिक मंत्रोच्चराण पूजा अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इसी के साथ चारधाम यात्रा का भी विधिवत शुभारंभ हो गया था। शुक्रवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हजारों भक्तों की जयकारों के बीच सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गए हैं। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
भगवान केदारनाथ के कपाट केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग ने पौराणिक परंपरा व विधि विधान से खोले। इसी के साथ 6 माह के इंतजार के बाद बाबा केदार के भक्तों की मुराद पूरी हो गयी है। सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर भक्तों के लिए बाबा केदार के द्वार खोल दिये गए हैं।
शुक्रवार को सुबह केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी के आवास से आर्मी बैंड और स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ बाबा केदार की डोली को मंदिर परिसर में लाया गया। जिसके बाद जय बाबा केदार के उद्घोषों के बीच मंदिर के द्वार खोल दिये गए। मंदिर के कपाट खुलते ही सम्पूर्ण केदारपुरी जय बाबा केदार के जयकारों से गुंजायमान हो उठी। कपाट खुलते ही बाबा केदार के त्रिकोणीय आकर के स्वयम्भू लिंग को छह माह पूर्व दी गयी समाधि को हटाया गया और विधिवत पूजा शुरू की गई। कपाट खुलने के अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा भी मौजूद रहे। जबकि धाम में आज बाबा के दर्शनों के लिये लगभग बीस हजार यात्री पहुँच चुके हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कपाट खुलने के शुभ अवसर पर केदारनाथ धाम में प्रभु केदारेश्वर का रुद्राभिषेक एवं दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैंने भगवान शिव से केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण की परिकल्पना को साकार करने वाले देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तम स्वास्थ,सुदीर्घ जीवन समेत समस्त राष्ट्रवासियों की सुख,समृद्धि एवं मंगल हेतु प्रार्थना की। जय बाबा केदार।