उत्तराखंड में आज लोक पर्ग इगास मनाया जा रहा है। इसे बूढ़ी दिवाली भी कहा जाता है। उत्तराखंड में दीपाली के 11 दिन बाद इगास पर्व मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रसिद्ध लोकपर्व इगास, पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड के लोकपर्व इगास-बग्वाल की बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि देवभूमि उत्तराखण्ड की लोक कला,संस्कृति एवं परंपराएं अत्यंत समृद्ध हैं। उत्तराखण्ड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपने विशिष्ट लोक नृत्यों,त्यौहारों और मेलों से अपनी अनोखी पहचान बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि ऐसे पर्व हमारी युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराते हैं और उससे जुड़ने की प्रेरणा देते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर अपने संदेश में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सभी प्रदेशवासियों से अपनी बोली-भाषा के संरक्षण और गांव से जुड़ने का आग्रह किया था। यह हम सभी के लिए जरूरी है कि हम अपने गांव-घर जाकर इस पर्व को पूरे उत्साह के साथ मनाएं और अपनी सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करते हुए इगास-बग्वाल की परंपरा को जीवंत बनाए रखें।
सीएम धामी ने अपनी लोक परम्पराओं एवं लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने का किया आह्वान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को इगास पर्व,बूढ़ी दीपावली की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लोक संस्कृति एवं परम्परा देवभूमि की पहचान है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति एवं लोक परम्परा उस राज्य की आत्मा होती है, इसमें इगास का पर्व भी शामिल है। हमारे लोक पर्व एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सामाजिक जीवन में जीवंतता प्रदान करने का कार्य करते हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपनी लोक संस्कृति एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने में सहयोगी बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से संपूर्ण देश में सांस्कृतिक विरासत और गौरव की पुनर्स्थापना हो रही है, उसी तरह उत्तराखंडवासी अपने लोकपर्व इगास को आज बडे़ उत्साह से मना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत काल में पंच प्रण के संकल्पों में से एक संकल्प यह है कि हम अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोग इगास पर्व पर अपनी परम्पराओं के साथ अपने पैतृक गांवों से भी जुड सके इसके लिये राज्य में इगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की परम्परा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति एवं लोक पर्वों से जुड़े इसके भी प्रयास होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखण्डवासियों से भी अनुरोध किया कि वे भी अपने लोक पर्व को अपने गांव में मनाने का प्रयास करें तथा प्रदेश के विकास में सहभागी बने। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख-शांति एवं समृद्धि की भी कामना की है।