Uttarakhand:-केसरिया और पलास के साथ ही अन्य पौधों से रंग बिरंगा होगा मां धारी देवी का परिसर,पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने उठाया मंदिर परिसर के आसपास सघन वृक्षारोपण का जिम्मा

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पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर्यावरण प्रेमी के रूप में वर्ष 1993 से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार वृक्षारोपण के लिए कार्य कर रहे है। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए 4 साल में देहरादून के ऋषि पर्णाऔर कोसी के साथ ही विभिन्न स्थानों पर व्यापक स्तर पर प्रदेश के लगभग सभी जिलों दूरस्थ स्थलों और मंदिर परिसर के आसपास कर भी वृक्षारोपण किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का फोकस पीपल और बरगद के वृक्षों के रोपण पर है। इस क्रम में त्रिवेंद्र रावत मां धारी देवी मंदिर को जाने वाले रास्ते के किनारे पहले भी लगा चुके हैं और अब केसरिया और पलास के साथ ही अन्य पौधों रोपण करना का निर्णय उन्होंने लिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस संबंध में एनएसएस और एनसीसी के साथ ही विश्वविद्यालय और अन्य स्कूल कॉलेजों के सहयोग से वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाने की अपील की है। इस के लिए मई में गड्ढे तैयार कर जुलाई महिने से सघन वृक्षारोपण होगा और सभी की जियो टैगिंग भी की जाएगी। श्री रावत ने श्रीनगर में विश्वविद्यालय के शिक्षकों और श्रीनगर व चौरास के प्रबुद्ध लोगों के साथ हुई बैठक में व्यापक वृक्षारोपण की चर्चा की।

इस बैठक में सभी ने पूर्व मुख्यमंत्री के प्रयासों को सराहा और सहयोग का पूरा आश्वासन दिया।