लॉकडाउन का डर फिर पलायन करने लगे है प्रवासी मजदूर,पीएम मोदी का राज्यों से आग्रह,श्रमिकों का भरोसा जगाए रखें,उनसे आग्रह करें कि वो जहां हैं,वहीं रहें

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जगमोहन ‘आज़ाद’

दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते आंकड़ों से हाहाकार मचा हुआ है। दुनियाभर में सरकारें अपने-अपने स्तर पर कोरोना संक्रमण से अपने नागरिकों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। दुनिया में कोरोना से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 142,713,292 हो गई है। जब की इस वायरस से अब तक 3,043,219 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित 121,227,832 लोग ठीक भी हो चुके हैं।

भारत की बात करें तो भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों में देश में 2,59,170 नए मामले आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 1,53,21,089 हो गई है। वहीं इस दौरान 1761 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही जान गंवाने वालों का आंकड़ा बढ़कर 1,80,530 हो गया है। देश में इस समय एक्टिव मरीजों की संख्या 20,31,977 है। कोरोना के लगातार बढ़ते आंकडों के बीच देश भर में कई राज्यों में कोरोना से बचने के लिए नाइट कर्फ्यू और पूर्ण लॉकडाउन का निर्णय लिया है।

इस सब के बीच कोरोना संक्रमण के चलते लॉक हुए शहरों से एक बार फिर से प्रवासी श्रमिक अपने-अपने घरों को लौटने लगे हैं। दिल्ली,मुंबई,राजस्थान और तमाम दूसरे राज्यों से लंबे लॉकडाउन के डर से प्रवासी श्रमिक बड़ी संख्या में अपने गांव लौटने लगे है।

दिल्ली में लागू हुए एक सप्ताह के लॉकडाउन के बीच प्रवासी श्रमिक एक बार फिर अपने-अपने घरों को लौटने दिख रहे हैं। इन लौट रहे प्रवासी श्रमिकों से संवाद जाह्नवी ने दिल्ली के आंनद विहार बस टर्मिनल और अन्तर्राज्यीय बस अड्डा पर बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों से उनके वापस लौटने की वजह जानी कि आखिर वह क्यों अपने घरों को लौट रहे है? जबकि सरकार कह रही हैं कि कोरोना से लड़ने के लिए हर इंतजाम किए जा रहे है।

उत्तर प्रदेश के इटाव के रहने वाले अवध कुमार बताते है कि वह दिल्ली से कोरोना की वजह से पिछले लॉकडाउन में अपने पूरे परिवार को लेकर गांव लौट गए थे। गांव में खेतों में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। लेकिन इससे उनका गुजार नहीं हुआ। परिवार में बुढ़े माता-पिता है,चार बच्चे है। इन सब की जिम्मेदारी निभाने के लिए वह एक बार फिर से अक्टूबर महीने में दिल्ली आए थे। दिल्ली में रमेश नगर में ध्याड़ी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए रात-दिन मेहनत कर रहे थे। लेकिन एक बार फिर से दिल्ली लॉक हो गई। अवध कहते है,कि एक सप्ताह तो कह रहे है,यह बढ़ भी सकता है। इतने दिनों मैं तो वह पूंजी भी खत्म हो जाएगी जो मैंने जमा की है। इससे अच्छा तो मैं अपने बच्चों के पास लौट जाता हूं।

कुछ इसी तरह का दर्द चांदनी चौक में ठेली चलाकर गुजार करने वाले रिजवान का है। जिनके साथ आठ लोगों उनके गांव के रहते है। यह सभी लोगों उत्तर प्रदेश के सनौली के रहने वाले है। दिल्ली में पिछले कई वर्षों से ठेली चलाकर परिवार का गुजर-बसर करते है। लेकिन दिल्ली में एक सप्ताह के लॉकडाउन लगते ही,यह अपनी पोटलियां समेट कर अपने गांव को जाने लगे है। जब हमने इनसे जानना चाह की एक सप्ताह के बाद तो सब ठीक हो जाएगा। लेकिन यह विश्वास नहीं करते,कहते हैं,बाबू जी हम गोदाम में सोते है। रोज कमाते,खाते हैं,मालिक ने गोदाम बंद कर दिया। तो कहां जाएं। जो कमाया हैं,उसे लेकर गांव जा रहे है। कोरोना की मार से बच गए तो,फिर आएंगे कमाने।

यह स्थिति आनंद विहार बस टर्मिनल से लेकर अन्तर्राज्यीय बस अड्डा हर जगह है। प्रवासी श्रमिकों को परेशानी का सामना ना करना पड़े इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर रेलवे ने पांच विशेष ट्रेनों के चलाने की घोषणा की है। इस सब के बीच में लोग इस संक्रमण के दौर में बसों,बसों की छतों,ट्रकों और तमाम दूसरे साधनों से अपने घर तक लौटने के लिए लगातार बस स्टेशन और रेलवे स्टेशनों तक पहुंच रहे है। बीते साल की तरह दिल्ली और मुंबई में लॉकडाउन में फंस जाने के डर से उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड,हरियाण और पंजाब के प्रवासी मजदूरों ने एक बार फिर पलायन करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को दिल्ली में बाहरी प्रदेशों से लौटे प्रवासी ट्रकों और अन्य वाहनों में भरकर अपने-अपने घरों को लौटते दिखाई दिए।

पीएम मोदी क राज्यों से अग्रह,श्रमिकों का भरोसा जगाए,उनसे आग्रह करें कि वो जहां हैं,वहीं रहें

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश आज कोरोना के खिलाफ कठिन लड़ाई लड़ रहा है। बीते कुछ दिनों में जो फैसले लिए गए हैं वो कोरोना की स्थिति को सुधारेंगे। देश के नाम संबोधन पर पीएम मोदी ने कहा कि मेरा राज्य प्रशासन से आग्रह है कि वो श्रमिकों का भरोसा जगाए रखें, उनसे आग्रह करें कि वो जहां हैं, वहीं रहें। राज्यों द्वारा दिया गया ये भरोसा उनकी बहुत मदद करेगा कि वो जिस शहर में हैं वहीं पर अगले कुछ दिनों में वैक्सीन भी लगेगी और उनका काम भी बंद नहीं होगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि आज की स्थिति में हमें देश को लॉकडाउन से बचाना है। मैं राज्यों से भी अनुरोध करूंगा कि वो लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें। लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है। माइक्रो कन्टेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करना है।

सभी फोटोः- गूगल बाबा