
लोक उत्सव के रूप में मनाई जाएगी नंदा राजजात यात्रा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 2026 में होनी है नंदा राजजात यात्रा यात्रा में बेहतर भीड़ प्रबंधन,पर्यावरण की दृष्टि से प्रबंधन,सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर प्रतिबंध के लिए एसओपी बनाई जाए 2026 में प्रस्तावित नंदा राजजात यात्रा को लोक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। स्थानीय लोगों की यात्रा में अधिकतम सहभागिता हो और सरकार सहयोगी की भूमिका में रहे। नन्दा देवी राजजात यात्रा से संबंधित अभिलेखों को संरक्षित किया जाएगा। यात्रा के अभिलेखों को लिखने एवं उनका संरक्षण गढ़वाल एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय की मदद से किया जाएगा।
यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में नन्दा राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उत्तराखंड की धरोहर है। उन्होंने अधिकारियों को नन्दा देवी राजजात यात्रा का देश विदेश में व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। भारतीय दूतावासों के माध्यम से भी संपूर्ण विश्व में नन्दा देवी राजजात यात्रा को पहुंचाया जाएगा,साथ ही उन्हें इस यात्रा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाए। इस यात्रा के माध्यम से विदेशों से भी उत्तराखंड को जोड़ते हुए इसे ऐतिहासिक रूप देना है। उन्होंने कहा कि राजजात यात्रा में उत्तराखंड की संस्कृति,परम्परा,वेशभूषा,वाद्य यंत्रों की छाप दिखनी चाहिए। इसके लिए संस्कृति विभाग को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग लोक कलाकारों के लिए इस प्रकार की व्यवस्था बनाए जिससे उनको लगातार भुगतान हो।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को यात्रा से जुड़े हितधारकों के साथ बैठक कर उनके सुझाव को भी कार्ययोजना में शामिल करने की बात कही। जिससे बेहतर तरीके से यात्रा का संचालन हो। उन्होंने कहा कि यात्रा का मार्ग उच्च हिमालयी क्षेत्र और संवेदनशील है। यात्रा में बेहतर भीड़ प्रबंधन,पर्यावरण की दृष्टि से आपदा प्रबंधन,सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर प्रतिबंध के लिए एसओपी बनाई जाए। यात्रा मार्ग के साथ ही वैकल्पिक मार्गाे का चिन्हीकरण और सुधार,आबादी वाले गांव में छोटी छोटी पार्किंग,पेयजल,शौचालय,इको टेंट कॉलोनी, गाड़ गदेरो का सौंदर्यीकरण,विद्युत आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्ग में बेहतर नेटवर्क की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यात्रा मार्ग में अस्थाई और स्थाई कार्यों को चिन्हित करते हुए स्थाई संरचनाओं की एक माह के भीतर शासकीय स्वीकृति प्रदान कराते हुए कार्य शुरू कराने के भी निर्देश दिए। आपदा विभाग को भू स्खलन वाले क्षेत्रों के चिन्हीकरण के साथ ही आवश्यतानुसार मार्ग में पर्याप्त मात्रा में जेसीबी,पोकलैंड के साथ ही ऑपरेटर तैनात रखने के भी निर्देश दिए।
बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि 2026में भाद्र पक्ष की नंदाष्टमी से यात्रा शुरू होगी। लगभग 20 दिन की 280 किलोमीटर की यात्रा होती है। यह मां नंदा की मायके से ससुराल की यात्रा है,जो नौटी के पास स्थित कासुवा से होमकुंड तक की है। बैठक में विधायक अनिल नौटियाल,विधायक भूपाल राम टम्टा,उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण विकास परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्धन,प्रमुख सचिव आर.के सुधांश,सचिव नितेश झा,राधिका झा,शैलेश बगोली,पंकज पांडेय,सचिन कुर्वे,आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे,विनोद कुमार सुमन सहित अन्य सचिवगण मौजूद रहे।