सावन के पहले सोमवार पर मोहन काला ने कमलेश्वर महादेव मंदिर पूजा अर्चना कर,श्रीनगर घस्या महादेव में अपने कार्यालय का किया उद्घाटन,कोरोना से मुक्ति के लिए भगवान शिव से की प्रार्थना

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सावन के पहले सोमवार को समजासेवी एवं यूकेडी नेता मोहन काला कमलेश्वर महादेव मंदिर श्रीनगर में रुद्राभिषेक एवं 11पंडितो के मंत्रोच्चारण से अपने क्षेत्र को जनता के उज्जवल भविष्य एवं कोरोना से मुक्ति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना कर कहा कि हमारा विजन अपनी समस्त क्षेत्र की जनता चाहे वो शहर में हो या पहाड़ों में हो,सभी के विकास एवं उन्नति कल्याण के लिए कार्य करना है,यही हमारा ध्यै भी है।

आपको बता दें कि मोहन काला कोरोना काल में उत्तराखंड में निरंतर हर वर्ग के लोगों को निःशुल्क राशन, मास्क, दवाईयां, सेनिटाइजर,ओक्सिमिटर, थर्मामीटर एवं फेस सील्ड प्रदान कर भरपूर मदद कर रहे है,और यह कार्य निरंतर आगे भी इसी तरह जारी है। श्री काला की सोच एवं संकल्प है कि वह अपने क्षेत्र में रोजगार,स्वास्थ्य,शिक्षा पर ज्यादा से ज्यादा कार्य करने के लिए प्रयासरत है। जिसके लिए उन्होंने आज श्रीनगर घस्या महादेव में अपने कार्यालय का उद्घाटन किया। इस कार्यालय के द्वारा वह अपने समस्त क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए अपनी आवाज आगे तक पहुंचाएंगे।

इस कार्यालय में कोई भी व्यक्ति अपनी सहायता उक्रांद के द्वारा चाहते हो तो वह कार्यालय में आकर सहायता ले सकते है। श्री काला हर तरह से सभी वर्गों के लोगों के लिए कार्य कर रहे है। ताकि सभी का विकास हो सके भविष्य मे यह कार्यालय स्थाई रूप से क्षेत्र की जनता के लिए कार्यरत रहेगा।

पहाड़ की समस्या केवल जनता से दूर रहकर नही सुलझाई जा सकती है। हमे जनता के पास रहकर उनकी समस्या का तुरंत समाधान करना होगा,इसी उद्देश्य के साथ मोहन काला ने कार्यालय खोला है, ताकि सबकी बात सुनी जा सके सभी बातो पर अमल हो। श्री काला चाहे शहर के लोगों की समस्या हो,पहाड़ में रहने वाले लोगों की हो सबकी समस्याओं को दूर करना चाहते है। क्षेत्रीय पार्टी ही उन क्षेत्र के लोगों की समस्या सुन सकती है और समाधान कर सकती है।

इस मौके पर यूकेडी नेता मोहन काला ने कहा कि इस बार आप विकास के लिए भू-कानून,मूलनिवासी,स्थायी राजधानी गैरसैंण रोजगार पर विशेष जोर दिया जाएगा,और लागू किया जाएगा इसी के साथ जमीन की पैमाईश की जाएगी। भू-कानून न होने के कारण बाहरी लोग यहां के स्थानीय लोगों को नौकर बना रहे है,और शोषण कर रहे है स्थानीय लोगों का जो कि हमारे लोगों के लिए शर्म की बात है। हमे अपनी जमीन,जंगल,पानी की रक्षा करनी होगी। हमें अपना आत्म सम्मान बनाना होगा।