दिल्ली में आध्यात्मिक विभूति माताश्री राजेश्वरी देवी की जयंती पर आयोजित जनकल्याण सत्संग समारोह संपन्न,उमड़ा भक्तों का सैलाब,माताश्री मंगला जी ने कहा-माताश्री राजेश्वरी देवी ने ज्ञान से बदला लाखों लोगों का जीवन

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हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत श्री भोले जी महाराज एवं माताश्री मंगला जी के सानिध्य में महान आध्यात्मिक विभूति माता श्री राजेश्वरी देवी की पावन जयंती पर श्री हंसलोक आश्रम,नई दिल्ली में दो दिवसीय जनकल्याण सत्संग समारोह सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। श्री हंसलोक जनकल्याण समिति द्वारा आयोजित समारोह में नेपाल,अमेरिका तथा देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु-भक्तों का सैलाब उमड़ा।

इस मौके पर माता श्री मंगला जी ने कहा कि भगवान का सच्चा नाम ज्योति के रूप में हम सबके ह्रदय में मौजूद हैं। वही नाम हिन्दु, मुसलमान,सिख,इसाई आदि सभी लोगों के प्राणों का आधार है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हमें भौतिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए अध्यापक की जरूरत होती है,उसी तरह भगवान के सच्चे नाम को जानने के लिए हमें समय के सदगुरु महाराज की खोज करनी होगी। प्रभु के सच्चे नाम को जानने के लिए मनुष्य के अंदर प्रेम,श्रद्धा और समर्पण होना जरूरी है।

माताश्री मंगला जी ने कहा कि शिष्य एवं भक्त को जीवन में कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि काम,क्रोध,लोभ,मोह और अहंकार भक्ति मार्ग में पतन के कारण हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु की असीम कृपा से हमें मनुष्य शरीर मिला है,इसमें भजन करना चाहिए। सत्संग,सेवा और भजन की कमाई ही अंत समय में साथ जायेंगी।

माताश्री राजेश्वरी देवी जी का भावपूर्ण स्मरण करते हुए माता श्री मंगला जी ने कहा मुझे बहुत से उनकी सेवा करने का सौभाग्य मिला। माता राजेश्वरी देवी गरीब,असहाय तथा दीनदुखियों के लिए वरदान बनकर धरती पर आई थीं। उन्होंने माताश्री राजेश्वरी देवी के चरणों में नतमस्तक होकर प्रार्थना करते हुए कहा कि वे हमें भक्ति दें,शक्ति दें तथा आशीर्वाद दें ताकि हम उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ते रहें।

इस मौके पर श्री भोले जी महाराज और माता श्री मंगला जी के मार्गदर्शन में द हंस फाउंडेशन द्वारा देश भर में किये जा रहे मानव सेवा तथा जनकल्याण से जुड़े कार्यों की डोक्युमेंटरी दिखाई। समारोह में द हंस फाउंडेशन द्वारा लगाये गये निःशुल्क चिकित्सा शिविर से हजारों लोगों ने स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया।

माता श्री राजेश्वरी देवी ने ज्ञान से बदला लाखों लोगों का जीवन-माताश्री मंगला जी

जनक्ल्याण सत्संग के प्रथम दिन श्री भोले जी महाराज एवं माताश्री मंगला जी के सानिध्य में महान आध्यात्मिक विभूति माता श्री  राजेश्वरी देवी की पावन जयंती के उपलक्ष्य में श्री हंसलोक आश्रम,दिल्ली में दो दिवसीय जनकल्याण सत्संग समारोह का शुभारंभ हुआ।

इस मौके पर माता श्री मंगला जी ने नेपाल,अमेरिका तथा देश के विभिन्न राज्यों से आये असंख्य श्रद्धालु-भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया में जितने भी संत-महापुरुष आये,सभी ने अध्यात्म ज्ञान के द्वारा लोगों को प्रेम,शांति,एकता और सद्भाव का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि माता श्री राजेश्वरी देवी अपने समय की ऐसी ही महान विलक्षण विभूति थीं,जिन्होंने दुनिया के अनेक देशों में अध्यात्म ज्ञान का प्रचार कर लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया।

श्री हंसलोक जनकल्याण समिति द्वारा आयोजित जनकल्याण सत्संग समारोह में देश के विभिन्न भागों से आये हजारों श्रद्धालु-भक्तों को सम्बोधित करते हुए माता श्री मंगला जी ने कहा कि माता श्री राजेश्वरी देवी का सारा जीवन ज्ञान प्रचार, मानव सेवा और‌ जन कल्याण को समर्पित था। उनका व्यवहार और सत्संग सुनाने की शैली अनायास ही भक्तों को अपनी ओर खींच लेती थी। माता श्री राजेश्वरी देवी ने लोगों के दिलों में अध्यात्म ज्ञान की ज्योति जलाकर‌ उन्हें भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।

माताश्री मंगला जी ने समारोह में उपस्थित श्रद्धालु-भकतों का आह्वान किया कि वे माताश्री राजेश्वरी देवी की शिक्षाओं और संदेशों को अपने जीवन में उतारें तथा अध्यात्म ज्ञान के प्रचार एवं मानव सेवा के कार्यों को बढ़ाने का संकल्प लें।

इस मौके पर श्री भोले जी महाराज ने भी माता श्री राजेश्वरी देवी के व्यक्तिव और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने माता की महिमा से जुड़े भजन…बिगड़ी बनाने वाली जगदम्बिका तुम्हीं हो तथा माता तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए आदि भजन गाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों से आये संत-महात्माओं ने भी सत्संग विचारों से लोगों को लाभान्वित किया। भजन गायक महेश लखेड़ा एवं अन्य गायकों ने सत्संग,ज्ञान गुरु महिमा तथा माताश्री राजेश्वरी देवी की महिमा से जुड़े भजन प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर भजन गायक महेश लखेड़ा,चिंटू सेवक,प्रकाश प्रधान,रजनी सुंदास एवं रामविलास सैनी आदि ने माताश्री राजेश्वरी देवी की महिमा तथा भक्ति भाव से जुड़े भजन प्रस्तुत कर भक्तों को आनंदित किया।