उत्तराखंड के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में उत्तराखंड के गांवों तक पहुंचते कोरोना के मामलों ने एक नयी चुनौती खड़ी कर दी है। पहाड़ को लेकर चिंता इस बात की भी हैं कि यहां स्वास्थ्य सेवाएं नाममात्र की ही है। ऐसे में इन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से लड़ने और पहाड़ के लोगों के कोरोना संक्रमण से बचाने क लिए सरकार के साथ कई सामाजिक संगठन कदम से कदम मिलाकर चल रही है।
इन संस्थाओं में शामिल है रिवाज सस्था। जो पिछले कई दिनों से उत्तराखंड के दूरगामी क्षेत्रों में निःशुल्क स्वास्थ्य कैंप लगाकर पहाड़ के दूरगामी गांव के ग्रामीणों के लिए इस कोरोनाकाल में संजीवनी के तौर पर काम कर रही है। इस क्रम में रिवाज संस्था ने ‘हिमालय ज्ञान विज्ञान संस्था’ के साथ मिलकर घनसाली टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकास खंड के दूरस्थ ग्राम पंचायत शिवपुरी में स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया। जिसका शुभारंभ पूर्व विधायक प्रत्याशी घनसाली एवं सामाजिक कार्यकर्ता मकान लाल बेसरियाल, जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी अनु,विभाग डॉक्टर प्रकाश चन्द्र,ग्राम प्रधान शिवपूरी,ग्राम प्रधान सेमल्थ सुधीर नौटियाल और ग्राम प्रधान ढाबसौड श्रीमति सुरजा देवी के करकमलों द्वार किया गया।
इस निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जागरूक तो किया ही गया। साथ ही उन्हें नि:शुल्क दवाइयां,मास्क,सेनिटाइजर,विटामिन-सी,जिंक सल्फेट की दवाइयां भी प्रदान की गई।
रिवाज संस्था के कोआर्डिनेटर सत्य प्रकाश ड़ौण्ड़िया ने इस मौके पर बताया कि हमारी संस्था निरंतर इस क्षेत्र में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गांव-गांव जाकर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर रही है। ग्रामीणों को निरंतर कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है। सरकारी गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपाल करते हुए ग्रामीणों को इसका पलान करने के लिए कहा जा रहा है। घनसाली विधान सभा क्षेत्र में आयोजित इस स्वास्थ्य शिविर में ग्राम शिवपुरी,चौंरा,ढाबसौड और सेमल्थ गांवों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 343 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई साथ ही दवाइयां वितरण की गई।
इसी के साथ ग्रामीणों को निःशुल्क मास्क,सेनिटाइजर,विटामिन-सी,दवाइयां प्रदान की गई है। इस शिविर में डॉक्टर पवन कुमाई,डॉक्टर कृष्ण चन्द्र,कविंद्र आनन्द एवं बड़ी संख्या में दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामीण मौजूद रही।