उत्तराखंड विधानसभा चुनाव:-सपा की साइकिल ने उड़ाई अन्य दलों की नींद,ज्वालापुर का रण हुआ रोचक

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स्वरूप पूरी

उत्तराखंड में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही हैं,वैसे-वैसे चुनावी रण और तेज होता जा रहा है। नामांकन के बाद सभी प्रत्याशी डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार में जुट चुके है। राज्य में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बीच सभी दलों के प्रत्याशी निरंतर जनसंपर्क अभियान में जुटे है।

उत्तराखंड में इस बार कई विधानसभा ऐसी हैं। जिनके परिणाम बहुत चौकाने वाले हो सकते है। हालांकि आमतौर पर बड़े दलों तक सीमित रहने वाले जनादेश में इस बार कुछ नए चेहरों के पर भी पहाड़ की जनता विश्वास जता रही है। इस क्रम में हरीद्वार जनपद की ज्वालापुर सीट पर भी इस बार जनता नये चेहर पर विश्वास जताने के मुड में नजर आ रही है। इस सीट पर आज तक बड़े दलों का ही कब्जा रहा है,विकास की बात करे तो वह केवल कागजों तक ही सीमित रहा।

विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं तमाम वादों के बीच पिछले 21 वर्षों से ज्वालापुर सीट के मतदाताओं ने जिस भी व्यक्ति को विधानसभा तक पहुंचाया हैं,वह यहां की जनता को हमेशा मायूसी ही दे कर गया। यहां की जनता आज भी एक बेहतर जीवन,रोजगार,शिक्षा व चिकित्सा की तलाश में मतदान तो करती,मगर उनके सपनों व आशाओं को पूरा कौन करे,यह सवाल आज भी बरकरार है।

नए चेहरे पर जनता खेल सकती है दांव

ज्वालापुर विधानसभा के मतदाताओं का मूड इस बार कुछ अलग नजर आ रहा है। भाजपा व कांग्रेस के दांवपेंच देख रहे मतदाताओं के बीच इस बार समाजवादी पार्टी की साइकिल जम कर दौड़ रही है। समाजवादी पार्टी ने अंतिम समय पर वन महकमे के अफसर सनातन सोनकर को चुनाव मैदान में उतारकर अन्य सभी दलों के नींद उड़ा दी है। गौरतलब है कि अफसर रहने के दौरान राजजी टाइगर रिजर्व से सटी इस विधानसभा में सनातन सोनकर ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए और करवाए थे। फिर चाहे वह क्षेत्र के युवाओं को रोजगार व मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने को लेकर किए गए कार्य हों या भी क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों के साथ खड़े होकर उनके हितों के लिए किए गए कार्य हो,सनातन सोनकर आज क्षेत्र की जनता के लिए विकास की आवाज़ बन गए है।

उनकी सेवाओं का ही परिणाम हैं कि आज ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र का बड़ा तबका उनके पीछे नजर आ रहा है। वहीं इस विधानसभा में उनके आ जाने से स्थानीय युवाओं व ग्रामीणों में भी उत्साह देखा जा रहा है। इस लिए इस क्षेत्र में लगातार कहा जा रहा हैं कि अन्य दलों द्वारा किए गए विकास के वादों व अन्य परेशानियों से जूझ रही जनता के साइकिल के प्रति समर्थन को देख इस बार ज्वालापुर का चुनावी परिणाम कुछ अलग ही कहानी बयां करेगा।