
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के संबंध में दिया गया फैसला केंद्र सरकार के देश हित एवं जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के समग्र विकास हेतु लिए गए निर्णय पर मुहर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संप्रभुता,एकता और अखण्डता को बनाए रखने के लिए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का जो ऐतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा किया गया उसे आज माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी सही ठहराया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक फैसले से जम्मू-कश्मीर के लोग देश की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे तथा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही निवेश बढ़ेगा तथा राज्य के हर क्षेत्र में विकास के नए द्वार खुलेंगे।
भाजपा प्रेदश अध्यक्ष ने कहा-धारा 370 पर फैसला स्वागत योग्य,विरोधियों के लिए आँख खोलने वाला निर्णय

भाजपा ने धारा 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इसे को जम्मू कश्मीर के विकास और राष्ट्रीय संप्रभुता की मोदी गारंटी पर मुहर बताया है। प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय स्थानीय जनता के सपनो को पूरा करने वाला और विरोधियों की आंखें खोलने वाला है।
मीडिया के सम्मुख प्रतिक्रिया देते हुए महेंद्र भट्ट ने इसे मोदी सरकार के 9 अगस्त 2019 को लिए ऐतिहासिक फैसले पर तमाम किंतु परंतु वाली आलोचनाओं पर विराम बताया। उन्होंने इस निर्णय को जम्मू और लद्दाख के लोगों की आंखों में तैरते सपनों को साकार करने वाली मोदी सरकार की कोशिशों को आगे बढ़ाने वाला बताया,साथ ही मोदी विरोध में देश विरोध की हद तक जाने वालों की आंखें खोलने वाला भी बताया।
उन्होंने बताया कि भाजपा वैचारिक और सैद्धांतिक रूप से कश्मीर में धारा 370 व 35A को देश की संप्रभुता और राज्य के विकास की विरोधी मानती रही है। यही वजह है कि पूरी संसदीय प्रक्रिया के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनो अस्थाई कानूनों को निरस्त कर वहां विकास और समानता का रास्ता खोला है। लेकिन कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष सामाजिक संस्थाओं की आड़ में तुष्टिकरण की नीति के तहत,विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट गए थे। लेकिन बेहद प्रसन्नता की बात है,सुप्रीम अदालत ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं,धारा 370 और 35A शुरू से ही अस्थायी था,इसे हटाना पूर्णतया एक संवैधानिक कदम था।
उन्होंने कहा कि देश और स्थानीय लोग भुगतभोगी हैं कि आर्टिकल 370 लागू होने की वजह से केंद्र के कई कानून वहां लागू नहीं हो पाते थे। जिसके चलते 60 वर्षों तक वहां पिछड़ा व दलित वर्ग अपने समुचित अधिकार से वंचित रहा,इसी तरह शिक्षा का अधिकार,सूचना का अधिकार समेत अनेकों योजनाओं का लाभ स्थानीय लोगों को हासिल नहीं हुआ। धारा 370 हटाने के बाद वहां आतंकवादी घटनाओं में 45 फीसदी की कमी आई है,साथ ही घुसपैठ में 90 फीसदी,पत्थरबाजी में 97 फीसदी की कमी और संगठित बंद तो शून्य हो गए हैं।
घाटी में आतंकवादियों का नेटवर्क तबाह होने से राज्य में रिकॉर्ड 1.88 करोड़ पर्यटक आए और पर्यटन क्षेत्र जबरदस्त वृद्धि हुई है। श्री भट्ट ने तंज कसते हुए कहा,बीते 3 दशकों की उथल-पुथल के बाद जम्मू कश्मीर में आम लोग शांति और विकास को महसूस कर रहे हैं,लेकिन विपक्ष और कुछ देशविरोधी ताकतों को यह सब हजम नही हो रहा था।
उन्होंने उम्मीद करते हुए कहा, धारा 370 व 35A हटाने के निर्णय,उसको लागू करने की प्रक्रिया और उसके पीछे के उद्देश्य को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सही बताने के बाद शायद ऐसे तमाम लोगों की गलतफहमी अब दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा,कश्मीर में गरीबों और वंचितों के अधिकार बहाल हो गए हैं और अलगाववाद और पत्थरबाजी अब अतीत की बातें हो गई हैं। अब पूरा क्षेत्र अब मधुर संगीत और सांस्कृतिक पर्यटन से गूंजता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्थायी शांति स्थापित करने और क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। चाहे मजबूत अर्थव्यवस्था स्थापित करनी हो,चाहे अत्याधुनिक शैक्षिक बुनियादी ढांचे का निर्माण हो या कल्याणकारी लाभों से गरीबों को सशक्त बनाना हो। हम विश्वास दिलाते हैं कि प्रत्येक मोर्चे पर क्षेत्रीय विकास के लिए हमारी सरकार आगे भी पूरी ताकत लगाना जारी रखेंगी।