स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने जोशीमठ में 100 बेड के अस्पताल के निर्माण का लिया संकल्प

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राकेश डोभाल

ज्योतिर्मठ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के शिष्य एवं प्रतिनिधि स्वामी अभिमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज जी जोशीमठ में 100 शय्या वाले अस्पताल  बनाने का संकल्प लिया है। जिसके लिए 120 नाली जमीन की आवश्यकता है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि इस इस संम्बंध में मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर वार्ता के लिए समय भी मांगा गया था। सरकार की ओर से उन्हें दोपहर 2 बजे का समय दिया गया है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के प्रतिनिधि रूप में 12 सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे लेकिन उन्हें 2 बजे  नहीं मिलने दिया गया। इसके लिए आधे घण्टे का समय और बढ़ा दिया गया। जिससे वे वापस लौट गये। 

आपको बता दें कि कि जोशीमठ बद्रीनाथ धाम, हेंमकुण्ड एवं विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल औली तथा  फूलों की घाटी के साथ ही भारत के अंतिम गांव माणा,नितिघाटी सीमान्तवर्ती क्षेत्र का मुख्य पड़ाव है। लेकिन आज भी जोशीमठ में स्वास्थ्य सेवा के नाम पर एक समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। जो कि हमेशा रेफर सेंटर बना हुआ है। हाई सेंटर पहुँचने से पहले कई बार लोगों ने रास्ते में ही अपनी जान गवाई है। जोशीमठ क्षेत्र के लोगों की पीड़ा को देखते हुए स्वामी जी ने जोशीमठ में 100 बेड के अस्पताल बनाने का संकल्प लिया था। लेकिन सरकार ने उनकी कोई सहायता नहीं की। इससे ज्योतिर्मठ एवं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की उपेक्षा हुई है।