देशभर में मातृशक्ति दिवस के रूप में मनाई गई माता श्री राजेश्वरी देवी की पावन जयंती

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देशभर में माताश्री राजेश्वरी देवी की पावन जयंती के उपलक्ष्य में सत्संग एवं भंडारे का आयोजन किया गया। देश के विभिन्न क्षेत्रों में माताश्री राजेश्वरी देवी की जयंती के मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उत्तराखंड में पौड़ी,श्रीनगर,टिहरी,चमोली सहित कई अन्य स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। घनसाली के विकासखंड भिलंगना में सामाजिक सरोकारों से जुड़ी महिलाओं एवं आशा कार्यकत्रियों को सम्मानित किया गया। इसी के साथ माताश्री राजेश्वरी देवी के पावन जन्मोत्सव पर उनके पैतृक गांव के हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय विकास खंड पोखड़ा पौड़ी गढ़वाल के छात्र-छात्राओं को मिष्ठान एवं पुस्तकें वितरित की गई।

पिथौरागढ़ के धारचूला में सुप्रसिद्ध कालिका माता मंदिर में पूजा अर्चना व विशाल भंडारे का आयोजन कर कन्याओं को एवं भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया,साथ ही विद्यालय के बच्चों को पुस्तक वितरण कर मातृ शक्ति को सम्मानित किया गया। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल खिरसू के स्कूली बच्चों को कॉपियां वितरित की गई।

हिमाचल प्रदेश में माताश्री राजेश्वरी जी की जयंती के अवसर पर हिमालय बौद्ध संस्कृति विद्यालय,हिमालयन रेंज लेह लद्दाख,जांस्कर, लाहौल स्पीति, पांगी,किन्नौर के अनाथ,गरीब और जरूरतमंद बच्चो को कॉपियां प्रदान की गई साथ ही विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।

असम गुवाहाटी में भी सरूसाजई स्टेडियम में विभिन्न खेलों से जुड़े खिलाड़ियों को सेवा भी सम्मान भी की टीम ने माताश्री राजराजेश्वरी जी के दिव्य एवं पावन सेवा संकल्पों के बारे में बताया।

दिल्ली में श्री हंसलोक आश्रम में आयोजित हुआ विशाल सत्संग एवं भंडारा

माताश्री राजेश्वरी जी की जयंती पर मुख्य कार्यक्रम दिल्ली स्थित श्री हंसलोक आश्रम में मातृशक्ति दिवस के रूप मनाया गया। इस दौरान दो दिवसीय विशाल सत्संग एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु-भक्त एवं संत-महात्मा शामिल हुए। जिन्होंने माताश्री राजेश्वरी को नमन् करते हुए प्रार्थना की वे हमें शक्ति और भक्ति दें,जिससे ज्ञान,भक्ति और मानव सेवा के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ते रहें।

इस मौके पर श्री हंसलोक जनकल्याण समिति द्वारा आयोजित जनकल्याण सत्संग समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री भोले जी महाराज एवं माता श्री  मंगला जी ने कहां कि माता श्री राजेश्वरी देवी अपने समय की अलौकिक शक्ति और महान आध्यात्मिक विभूति थी। उन्होंने दुनिया के अनेक देशों में अध्यात्म ज्ञान का प्रचार कर लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया।

माताश्री मंगला जी ने कहा कि माताश्री राजेश्वरी देवी का सारा जीवन ज्ञान प्रचार और‌ मानव कल्याण को समर्पित था। उन्होंने लोगों के दिलों में ज्ञान की ज्योति जलाकर‌ समाज में प्रेम,शांति,एकता और सद्भाव का वातावरण बनाया।  वे गरीब, असहाय तथा जरूरतमंद लोगों की सेवा-सहायता के लिए सदैव तत्पर रहती थीं। माताश्री मंगला जी ने बताया कि आज द हंस फाउंडेशन द्वारा देश के अनेक राज्यों में माता राजेश्वरी देवी के नाम से गरीब बच्चों के लिए निःशुल्क स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। माताश्री मंगला जी ने समारोह में उपस्थित श्रद्धालु-भकतों का आह्वान किया कि वे माताश्री राजेश्वरी देवी की शिक्षाओं और संदेशों को अपने जीवन में उतारें।

माताश्री मंगला जी कोरोना संक्रमण दौर का जिक्र करते हुए कहा है। कोरोना संक्रमण का दौर जीवन का सबसे बड़ा सत्य है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित किया,भारत समेत विश्व के कई देश इससे पीड़ित हुए और हजारों लोगों की जाने गई। जीवन कहीं न कहीं ठहर सा गया। अस्पतालों और श्मशान घाटों में लाशें ही लाशें थी। सोचिए किस के लिए हैं धन-दौलत और बड़े-बड़े मकान। कोरोनावायरस ने हमें एक बहुत ही गंभीर सबक सिखाया है,वह यह है कि अब हमें जीवन को पूरी तरह ईमानदारी के साथ जीना होगा,हम अपने साथ किसी भी प्रकार का छल नहीं कर सकते हैं। हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति पूरी इमानदारी रखनी होगी। इसके लिए हमें खुद को जानना होगा।

माताश्री मंगला जी ने कहा कि जयंती महापुरूषों की मनाई जाती है। इस लिए की उनके विचारों,उनके जीवन के आदर्शों को हम समझे-जाने। इस लिए सत्संग किया जाता है। जिसको समझने के लिए सत्संग का सेवन करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि माताश्री राजेश्वरी देवी कहते थे कि अपने आप को जानो,जब अपने आप को जान जाओंगे तो ज्ञान की परिभाषा भी समझ पाओंगे।

माताश्री मंगला जी ने कहा कि हम हंस फाउडेशन के माध्यम से देश की कई राज्यों में सेवाएं दे रहे है। हमने कभी नहीं सोचा की हमारी सेवाओं के दायरे में किस धर्म-जाती के लोग है। बस हम श्रीमाता जी के बताए रास्तों पर चलते हुए सेवाओं के संकल्प को आगे बढ़ा रहा है। हमारे इस संकल्प के साथ स्वास्थ्य-शिक्षा और तमाम दूसरी सेवाओं के माध्यम से असंख्य लोगों का जीवन संवर रहा है। यही पूज्य श्रीमाता जी एवं गुरू महाराज जी की कल्पनाओं का संसार है।

उन्होंने कहा कि हम श्रीमाता जी एवं गुरू महाराज जी के आशीष से सभी साथ रहे, सभी आगे बढ़ें,सब का सम्मान बराबर हो इस सोच के साथ देश के 28 राज्यों में स्वास्थ्य-शिक्षा,बिजली,स्वच्छ जल,स्वच्छता,रोजगार जैसी सेवाओं के माध्यम से असंख्या लोगों की सशक्त आवाज़ बन रहे हैं और यही हमारा संकल्प भी है।

इस मौके पर श्री भोले जी महाराज ने–जीवन है बेकार भजन बिन दुनिया में तथा मानुष जन्म अनमोल रे–आदि भजन गाकर लोगों को भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।

इस मौके पर श्री भोले जी महाराज एवं माता श्री मंगला जी ने हवन-पूजा के साथ श्री हंसलोक आश्रम में नवनिर्मित 1 लाख 44 हजार लीटर की क्षमता वाले ओवर हैंड वाटर टैंक का उद्घाटन किया। उन्होंने आश्रम परिसर में नवनिर्मित पानी ‌की शीतल प्याऊ का भी शुभारंभ किया।

कार्यक्रम में महात्मा आत्म‌संतोषी भाई,महात्मा हरिप्रिया बाई, महात्मा शिवकृपानंद,श्री मनोज भार्गव तथा श्री मंगल जी ने भी सत्संग विचारों से लोगों को लाभान्वित किया। सुप्रसिद्ध भजन गायिका नेहा खंकरियाल एवं महेश लखेड़ा ने नवरात्र से जुड़ी माता की भेंट एवं भक्ति भाव के भजन प्रस्तुत कर माहोल को भक्तिमय बनाया।