उत्तराखंड में पर्यटन,कृषि और जल संरक्षण के क्षेत्र में नई परिभाषा गढ़ेगा,मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यधार झील

0
2048

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने ड्रीम प्रोजेक्टों में से एक सूर्यधार झील का लोकार्पण कर प्रदेश की जनता को एक और विकास का तोहफा दिया। 50.25 करोड़ रूपये की लागत से थानों भोगपुर स्थित बनी सूर्यधार झील उत्तराखंड में पर्यटन,कृषि जल संरक्षण और स्वरोजगार के साथ-साथ प्रति वर्ष 7 करोड़ रूपये की बिजली की बचत कर विकास की नयी परिभाषा तो गढ़ेगी ही,साथ ही यह झील उत्तराखंड के पर्यटन नक्शे पर एक नए पर्यटन केंद्र के तौर पर भी उभरेगी।   

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यधार झील से विकास के कई रास्ते खोलने जा रहे है। यह झील आने वाले दिनों में देहरादून जिले में नए पर्यटन केंद्र के तौर पर भी उभरेगी। इस क्षेत्र में  सरकार बहुत जल्द नौकायन के साथ ही लोगों को प्रकृति का दीदार कराने व अन्य पर्यटन गतिविधियां संचालित करने जा रही है। इस बहुउद्देशीय योजना के माध्यम से प्रति वर्ष सात करोड़ रुपये की बिजली की बचत भी होगी। जो अपने आप में राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण योजना साबित होगी। इस झील से क्षे़त्र को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। इससे लगभग 19 गांवों की लगभग 30 हजार की आबादी को ढाई गुना अधिक पीने का पानी मिलेगा जो कि पूरी तरह से ग्रैविटी आधारित होगी। इसी के साथ लगभग 12500 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के लिए जल प्राप्त होगा। इससे पहले इस क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता न होने के कारण लोगों को कई संकटों से जूझना पड़ता था। लेकिन इस झील के निर्माण से यह सारी समस्याएं दूर होंगी और क्षेत्र के नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

पर्यटन की बात करें तो सूर्यधार झील के निर्माण से इस क्षेत्र में पर्यटन के क्षेत्र में नयी संभावनाएं विकसित होंगी। इस क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। इसी के साथ सरकार इस क्षेत्र को टूरिस्ट के नए डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने जा रही है। पर्यटन की दृष्टि से इस क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। बैराज के दोनों तरफ टेरेस और ग्लास हाउस, काटेज का निर्माण किया जाएगा। जिससे यहां आने वाले पर्यटक कुछ पल सुकून के बिता सकेंगे। 

50.25 करोड़ की लागत की इस झील से पेयजल एवं सिंचाई के लिए क्षेत्र में जलापूर्ति होगी

 मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को स्व. गजेन्द्र दत्त नैथानी, जलाशय सूर्याधार का लोकार्पण किया। 50.25 करोड़ रूपये की लागत से बनी इस झील की धारण क्षमता 77 हजार घन मीटर है। यह झील 550 मी. लम्बी, 28 मीटर चौड़ी एवं 10 मीटर गहरी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने झील पर नौकायन किया एवं मत्स्य के बीज डाले। यह झील मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विकासखण्ड डोईवाला में सुसवा नदी के दायें किनारे पर लाल माटी खाले से बडकली पुल तक सुरक्षात्मक कार्य के लिए 2.63 करोड़ की सुरक्षात्मक कार्ययोजना, विकासखण्ड रायपुर के बांदल नदी पर सरखेत ग्राम की 1.85 करोड़ रूपये की लागत की बाढ़ सुरक्षा योजना एवं डोईवाला विकासखण्ड के अन्तर्गत सिमलासग्रान्ट नहर के विस्तारीकरण/ सुरक्षा एवं नवीनीकरण की 2.31 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने स्व. गजेन्द्र दत्त नैथानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सूर्याधार क्षेत्र में लोगों को संचार सुविधाओं हेतु जियो का टावर लगाया जायेगा।

 इस जलाशय के बनने से 30 हजार की आबादी को ढ़ाई गुना अधिक पानी मिलेगा

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज उत्तराखण्ड को एक ऐसा प्रोजेक्ट समर्पित किया जा रहा है, जिसके पीछे एक दूरगामी सोच है। इसका प्रयोजन व संदेश बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि इस झील को बनाने का उद्देश्य सिर्फ पेयजल एवं सिंचाई ही नहीं है, इसके व्यापक परिणाम आयेंगे। इससे पानी के सोर्स रिचार्ज होंगे, पर्यावरण के लिए बेहतर ईको सिस्टम होगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि आने वाले समय में यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से बेहतर डेस्टिनेशन बने। इससे आने वाले समय में इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि झील से 18 गांवों को ग्रैविटी वाटर की उपलब्धता होगी एवं 1247 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। पहले इस क्षेत्र में 534 हेक्टेयर क्षेत्र में ही सिंचाई हो पाती थी। इस जलाशय के बनने से क्षेत्र की 30 हजार आबादी की प्रति व्यक्ति की प्रतिदिन 40 लीटर पानी की उपलब्धता से बढ़कर 100 लीटर प्रतिदिन हो जायेगी, अर्थात् प्रतिव्यक्ति को ढाई गुना अधिक पानी की उपलब्धता हो जायेगी। इस सूर्याधार में वाटर स्पोर्ट्स को विकसित करने के प्रयास किये जायेंगे। यहां पर साल में 3-4 दिन के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। स्व. गजेन्द्र दत्त नैथानी जी के नाम पर इस झील का नाम रखा गया है।  नैथानी जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया। वे हमेशा से आरएसएस संघ की विधारधारा से जुड़े रहे। समाज की सेवा करना ही उनका एकमात्र धेय था।

डोईवाला क्षेत्र के लिए 6.79 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि डोईवाला क्षेत्र का तेजी से विकास हो रहा है। डोईवाला में सिपेट बनाया गया है। रानीपोखरी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बनाई जा रही है। हर्रावाला में जच्च्चा बच्चा के लिए मल्टी स्पेशलिटी कैंसर हॉस्पिटल बनाया जा रहा है। 400 करोड़ रूपये की लागत से साइंस कॉलेज बनाया जायेगा। जिसमें रिसर्च का काम होगा। इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। यह कॉलेज 35-40 हेक्टेयर भूमि में बनेगे। इसमें देश-विदेश के वैज्ञानिक यहां विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में आयेंगे। यह राज्य ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी बड़ी उपलब्धि होगी। हमारे राज्य में माध्यमिक स्तर तक तो बहुत अच्छी शिक्षा है, लेकिन उच्च शिक्षण संस्थान अभी अधिक नहीं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देहरादून में सौंग बांध एवं नैनीताल जनपद में जमरानी बांध दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है। सौंग बांध से 60-65 वर्षों तक देहरादून एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में ग्रैविटी वाटर उपलब्ध होगा। इससे 100 करोड़ से अधिक बिजली का खर्चा बचेगा। सौंग बांध के लिए फोरेस्ट क्लीयरेंस मिल चुकी है, राज्य सरकार का प्रयास है कि मार्च 2021 तक इसका शिलान्यास हो। रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। हर जनपद में झीलें बनाई जा रही है। वर्षा जल संचय एवं पानी के सोर्स को बढ़ाकर पानी की दिक्कतों को दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि गन्ना किसानों का शत प्रतिशत भुगतान करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। धान के किसानों का ऑनलाइन पेमेंट किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है, जो अभी तक 2360 रूपये था, जिसकी वजह से लोग पानी का कनेक्शन नहीं ले पा रहे थे। एक साल में राज्य में  ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के कनेक्शनों की संख्या 01 लाख 20 हजार रूपये से बढ़कर 4 लाख से अधिक लोगों को हर घर नल एवं जल देने का कार्य राज्य सरकार ने किया है। 2022 तक ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर को अपना निजी कनेक्शन देने का कार्य करेंगे। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत सभी प्रदेशवासियों को 05 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच दिया गया है। सभी को स्वास्थ्य सुरक्षा देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। आज देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पतालों में इस गोल्डन कार्ड को दिखाकर लोग अपना निःशुल्क इलाज करा सकते हैं। आज उत्तराखण्ड में कोई भी घर ऐसा नहीं है, जहां पर लोगों के पास बिजली नहीं है। महिलाओं के सिर से घास के बोझ को कैसे हटाया जाय, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य के सभी 13 जनपदों में एक-एक ब्लॉक को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया जा रहा है। महिलाओं के सिर से घास की गड्डी हटाई जाय, यह एक बड़ा टारगेट है। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी में सुधार लाने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर रूरल ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं। अभी तक 107 रूरल ग्रोथ सेंटर बनाये जा चुके हैं। स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख रूपये तक का एवं किसानों को 03 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है।
इस अवसर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुण्डीर, राज्यमंत्री करन बोहरा,कृष्ण कुमार सिंघल, खेमपाल सिंह, सचिव सिंचाई नितेश झा, प्रमुख अभियंता सिंचाई मुकेश मोहन, जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी धीरेन्द्र पंवार, मुख्य अभियंता सिंचाई जयपाल सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई डी.के. सिंह, स्व.गजेन्द्र दत्त नैथानी के भतीजे संजीव नैथानी आदि उपस्थित थे।